टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (70 किग्रा), अनुभवी निकहत जरीन (52 किग्रा) और पूजा रानी (81 किग्रा) ने तीन दिन के ट्रायल के बाद बुधवार को इस्तांबुल में मई में होने वाली महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिये भारतीय टीम में जगह बनायी। लवलीना की तोक्यो में 69 किग्रा में कांस्य पदक जीतने के बाद यह पहली प्रतियोगिता होगी। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) की प्रतियोगिताओं में अब 69 किग्रा में मुकाबले नहीं होते हैं। लवलीना ने युवा विश्व चैंपियन अरुंधति चौधरी को हराया। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप के लिये लवलीना के स्वत: चयन का विरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
बीसीबी ने शाकिब अल हसन को 30 अप्रैल तक क्रिकेट के सभी प्रारूपों से दिया आराम कोविड-19 महामारी के कारण विश्व चैंपियनशिप को स्थगित कर दिया गया था और अब इसका आयोजन छह से 21 मई तक किया जाएगा। विश्व चैंपियनशिप के 12 भार वर्गों के अलावा एशियाई खेलों के लिये भी तीन भार वर्गों (57 किग्रा, 60 किग्रा और 75 किग्रा) में चयन की पुष्टि की गयी। मनीषा को 57 किग्रा, जैसमीन को 60 किग्रा और अनुभवी स्वीटी बूरा को 75 किग्रा में चुना गया है। इस महीने के शुरू में प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनने के बाद जरीन का चयन तय था। इसी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू (48 किग्रा) ने भी विश्व चैम्पियनशिप टीम में जगह बनायी है। महिला विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम: नीतू (48 किग्रा), अनामिका (50 किग्रा), निकहत जरीन (52 किग्रा), शिक्षा (54 किग्रा), मनीषा (57 किग्रा), जैसमीन (60 किग्रा), परवीन (63.5 किग्रा), अंकुशिता बोरो (66 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (70 किग्रा), स्वीटी बूरा (75 किग्रा), पूजा रानी (81 किग्रा), और नंदिनी (81 किग्रा से अधिक)।