दुनिया के नंबर-2 और रूस के टेनिस स्टार दानिल मेदवेदेव ने साल के पहले ग्रैंडस्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। मेदवेदेव ने एक बेहद रोमांचक मुकाबले में दो सेट से पिछड़ने के बाद फेलिक्स ऑगर एलियासेम को 6-7(4), 3-6, 7-6(2), 7-5, 6-4 से मात दी। सेमीफाइनल में मेदवेदेव का सामना ग्रीस के स्टेफानोस सिटसिपास से होगा।
मैच में फेलिक्स ऑगर ने बेहतरीन शुरुआत की। ऑगर ने अपने शानदार सर्विस गेम के जरिए मेदवेदेव के सामने लगातार मुश्किलें खड़ी की। टाईब्रेकर में गए पहले सेट को ऑगर ने 7-6 से अपने नाम किया। इसके बाद दूसरे सेट में उन्होंने अपना शानदार खेल जारी रखते हुए उसे आसानी से 6-3 से अपने नाम कर लिया। लेकिन इसके बाद मेदवेदेव ने एक चैंपियन की तरह खेल दिखाया। तीसरे सेट में एक समय मेदवेदेव ने डबल फॉल्ट किया जिसके बाद फेलिक्स को मैच प्वाइंट मिल गया था लेकिन कनाडाई खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सके। टाईब्रेक तक पहुंचे तीसरे सेट में विश्व के नंबर 2 खिलाड़ी ने फिर फेलिक्स ऑगर की एक ना चलने दी और सेट को 7-6(2) से अपने नाम किया। अगले सेट में मेदवेदव ने फेलिक्स की सर्विस को ब्रेक किया और सेट को 7-5 से अपने नाम कर मैच को बराबरी पर ला दिया। आखिरी सेट की शुरुआत से ही रूसी टेनिस स्टार काफी आक्रामक नजर आए और उन्होंने शुरू में ही फेलिक्स की सर्विस को ब्रेक कर दिया। इसके बाद मौजूद यूएस ओपन चैंपियन ने उन्हें संभलने का कोई और मौका नहीं दिया और मुकाबले को अपने नाम कर लिया।
इस साल के ऑस्ट्रेलियन ओपन में मेदवेदेव 2 सेट से पिछड़ने के बाद मुकाबले को जीतने में पहले खिलाड़ी बन गए। जीत के बाद मेदवेदेव से जब इस शानदार वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दुनिया के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच से उन्हें प्रेरणा मिली। मेदवेदेव ने कहा कि जोकोविच, नडाल और फेडरर ने इस तरह के कई मुकाबले अपने नाम किए हैं और मेरे दिमाग में भी यही चल रहा था। उन्होंने आगे कहा कि मैने सोचा कि मैं आसानी से हार नहीं मानूंगा और अपने प्रतिद्वंदी को आखिरी प्वाइंट तक लड़ने के लिए मजबूर करूंगा। जो कि काम कर गया।
बता दें कि अगर मेदवेदेव ऑस्ट्रेलियन ओपन को खिताब जीतते हैं तो वह 2005 में हमवतन मरात साफीन के बाद मैच प्वाइंट बचाने के बाद ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बन जाएंगे। गौरतलब है कि साल 2021 ऑस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइनल में भी मेदवेदेव ने स्टेफानोस सिटसिपास को मात देकर ही फाइनल में प्रवेश किया था। जहां उन्हें नोवाक जोकोविच के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।