Year Ender 2018: इस साल भी भारतीय बैडमिंटन के सबसे बड़े सितारे रहे सिंधु और साइना
नाकामी का ठप्पा हटाकर सिंधु ने साल के आखिर में खिताब जीता जबकि साइना का अच्छा प्रदर्शन जारी रहा और लक्ष्य सेन ने भविष्य के लिये उम्मीदें जगाई।
नयी दिल्ली: आखिरी मोर्चे पर नाकामी का ठप्पा हटाकर पी वी सिंधु ने साल के आखिर में खिताब जीता जबकि साइना नेहवाल का अच्छा प्रदर्शन जारी रहा और लक्ष्य सेन ने भविष्य के लिये उम्मीदें जगाई। विश्व बैडमिंटन महासंघ ने इस साल टूर्नामेंट का नया फॉर्मेट जारी किया जिसके तहत ईनामी राशि के आधार पर टूर्नामेंटों की ग्रेडिंग की गई। सिंधु ने सभी बड़े टूर्नामेंटों में सिल्वर पदक जीता लेकिन आखिर में विश्व टूर फाइनल्स खिताब अपने नाम किया।
पांच सिल्वर मेडल जीतने के बावजूद सिंधू की फाइनल में हार जाने को लेकर आलोचना होती रही है। उसने आखिर में विश्व टूर फाइनल्स में गोल्ड मेडल जीतकर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। उसने इस साल राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल, विश्व चैम्पियनशिप, इंडिया ओपन और थाईलैंड ओपन में सिल्वर मेडल जीता।
दूसरी ओर करियर के लिये खतरा बनी घुटने की चोट से उबरकर साइना नेहवाल ने पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ड मेडल जीता। उसने इस साल राष्ट्रमंडल खेल में गोल्ड और एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज अपने नाम किया। राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में उसने सिंधु को हराकर अपने फन का लोहा मनवाया।
वह इंडोनेशिया मास्टर्स, डेनमार्क ओपन और सैयद मोदी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के फाइनल्स में पहुंची। इसके अलावा एशियाई चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
साल के आखिर में साइना ने अपने साथी बैडमिंटन खिलाड़ी और 2014 राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन पारूपल्ली कश्यप के साथ सात फेरे लिये। पुरूष वर्ग में समीर वर्मा ने स्विस ओपन सुपर 300, सैयद मोदी अंतर्राष्ट्रीय सुपर 300 और हैदराबाद ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट जीता। इसके अलावा अपने पहले विश्व टूर फाइनल्स में वह सेमीफाइनल तक पहुंचे।
17 साल के लक्ष्य ने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप खिताब जीतने के अलावा युवा ओलंपिक खेलों में रजत और विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया। पिछले साल भारतीय खिलाड़ियों ने जितने खिताब जीते थे, उसे दोहरा नहीं सके। स्टार शटलर किदाम्बी श्रीकांत फॉर्म में नहीं थे और एक भी खिताब अपने नाम नहीं कर पाये। पिछले साल चार खिताब जीतने वाले श्रीकांत ने राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर मेडल जीता और टीम इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। कुछ समय के लिये वह नंबर वन रैंकिंग पर पहुंचे लेकिन बाद में आठवें स्थान पर खिसक गए।
युगल में चिराग शेट्टी और सात्विक साइराज रांकिरेड्डी ने राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता। इसके अलावा सैयद मोदी टूर्नामेंट में भी उपविजेता रहे। अश्विनी पोनप्पा ने एन सिक्की रेड्डी के साथ राष्ट्रमंडल खेल महिला युगल में ब्रॉन्ज मेडल जीता।