नई दिल्ली| शीर्ष भारतीय भाला फेंक पैरा एथलीट सुंदर सिंह गुर्जर इस बात से खुश हैं कि कोविड-19 महामारी के बावजूद उनकी ट्रेनिंग में कोई ब्रेक नहीं लगा क्योंकि उन्होंने पिछले चार महीनों से जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को अपना घर बना लिया। वह स्टेडियम में लड़कों के होस्टल में रह रहे हैं और जब से 2015 से उन्होंने पैरा एथलेटिक्स शुरू की, तब से यह उनका ट्रेनिंग मैदान रहा है।
वह एफ46 भाला फेंक स्पर्धा में 2017 और 2019 में विश्व चैम्पियन रह चुके हैं। मार्च में लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले लड़कों और लड़कियों के होस्टल में ट्रेनिंग करने वाले सभी खिलाड़ी अपने घर लौट गये थे लेकिन गुर्जर ने स्टेडियम के अंदर अपनी ट्रेनिंग जारी रखी।
भारतीय पैरालंपिक समिति की विज्ञप्ति में गुर्जर ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के बाद से मैं स्टेडियम में रह रहा हूं। मैं घर नहीं लौटा और पिछले चार महीनों से स्टेडियम से बाहर भी नहीं निकला। मैं अकेले ट्रेनिंग कर रहा हूं, मेरा दोस्त (अहमत सिंह गुर्जर) मेरी डाइट और अन्य चीजों में मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने कोच (महावीर प्रसाद सैनी) के भी संपर्क में था, जिनसे शुरू में वीडियो कॉल से बात होती थी और वह स्टेडियम में रोज व्यक्तिगत रूप से मेरी ट्रेनिंग पर निगरानी रखते हैं। ’’ तोक्यो पैरालंपिक खेलों में एक साल से थोड़ा ज्यादा समय है तो वह खुश हैं कि उनकी ट्रेनिंग बिना ब्रेक के चलती रही।"