डोंगाई सिटी (दक्षिण कोरिया): भारतीय महिला हॉकी टीम रविवार को एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में दक्षिण कोरिया से 0-1 से हार गई। दक्षिण कोरिया ने तीसरी बार यह खिताब अपने नाम किया जबकि भारतीय टीम लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद दूसरे खिताब से चूक गई। एक दिन पहले भी दोनों टीमों के बीच ग्रुप स्तर का मुकाबला हुआ था, जो 1-1 की बराबरी पर छूटा था। इस मैच में भी दोनों टीमों के बीच जोरदार टक्कर हुई और दोनों ने स्तरीय खेल दिखाया। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों में से कोई भी एक भी गोल नहीं दाग पाई।
दूसरे क्वार्टर में 19वें मिनट में दक्षिण कोरिया को पेनाल्टी कॉर्नर से गोल करने का मौका मिला, लेकिन कप्तान और गोलकीपर सविता ने शानदार बचाव करते हुए इसे असफल कर दिया। इसी प्रकार का प्रदर्शन सविता ने 21वें मिनट में दिखाया, जब उन्होंने दक्षिण कोरिया को एक बार फिर मिले पेनाल्टी कॉर्नर के अवसर पर पानी फेर दिया। उन्होंने शानदार डाइव करते हुए गेंद को भारत के गोल पोस्ट तक नहीं पहुंचने दिया। हालांकि, भारत की किस्मत ज्यादा देर तक अच्छी नहीं रही।
दक्षिण कोरिया की खिलाड़ी यंगसिल ने 24वें मिनट में फील्ड गोल करते हुए अपनी टीम का खाता खोला। भारत ने अपने खेल में तेजी लाते हुए स्कोर को बराकर करने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। तीसरे क्वार्टर में गोलकीपर सविता एक स्टार के रूप में उभरी। उन्होंने दक्षिण कोरिया की दूसरे गोल की हर कोशिश को नाकाम किया। 43वें मिनट में मेजबान टीम को पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल का अवसर मिला था, लेकिन सविता ने एक बार फिर डाइव मारते हुए इसे नाकाम कर दिया।
भारतीय टीम का डिफेंस अच्छा काम कर रहा था, लेकिन जीत के लिए उसे गोल करने की जरूरत थी। भारतीय टीम ने एक भी गोल नहीं दागा। आक्रामक खेल दिखाने के बावजूद भारतीय टीम गोल नहीं दाग पाई और उसे अंत में दक्षिण कोरिया से 0-1 से हार का सामना करना पड़ा।
कोरिया ने टूर्नामेंट के पहले संस्करण के अलावा दूसरे संस्करण का खिताब अपने नाम किया था। दूसरी ओर, भारत ने 2016 में चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था लेकिन इससे पहले 2013 में वह फाइनल में जापान के हाथों हार गया था।