नई दिल्ली। पांच बार के शतरंज विश्व चैम्पियन विश्वनाथ आनंद ने कहा कि लंबे समय के तक उनके चिर-प्रतिद्वंद्वी रहे व्लादिमीर क्रैमनिक और उनके खेल में कोई खास फर्क नहीं था और लगभग पूरे करियर के दौरान दोनों की रेटिंग में ज्यादा फर्क नहीं रहा। रूस के दिग्गज खिलाड़ी क्रैमनिक ने 2019 में संन्यास की घोषणा कर सबको चौका दिया था। क्रैमनिक पहले एकीकृत विश्व चैम्पियन थे।
आनंद ने उन्हें 2008 विश्व चैम्पियनशिप में हराकर खिताब हासिल किया था। आनंद ने ‘बेसलाइन वेंचर्स’ के कार्यक्रम ‘द फिनिश लाइन’ के दूसरे एपिसोड में कहा, ‘‘ हम दोनों लगभग 20 वर्षों तक रैंकिंग में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे। रेटिंग के मामले में हम हमेशा एक-दूसरे के बहुत करीब होते थे, इतने करीब कि जब उन्होंने संन्यास की घोषणा की तब 150 मैचों के बाद भी मेरी और उसकी रेटिंग एक समान थी।"
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गैरी कास्परोव के 1993 में फिडे से नाता तोड़ने के बाद क्रैमनिक 2006 में फिडे और क्लासिकल दोनों खिताबों को हासिल करने वाले पहले विश्व चैंपियन बने थे। आनंद ने कहा,‘‘हम एक ही समय विश्व शतरंज में शीर्ष पर पहुंचे थे। मुझे लगा कि मैंने उससे दो साल पहले खेलना शुरू किया था, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वह तीन साल पहले मेरे खिलाफ खेल चुके है।’’
क्रैमनिक साल 2000 में दिग्गज गैरी कास्परोव को हराकर क्लासिकल वर्ल्ड शतरंज चैंपियन बने थे। आनंद 2007 से 2012 तब विश्व चैम्पियन रहे। इस 50 साल के खिलाड़ी ने कहा,‘‘ मैंने 1989 में उनके खिलाफ खेला था लेकिन उन्हें भूल गया था। फिर 1992 में जब हम एक-दूसरे के खिलाफ खेले। इसी साल से दोनों करियर में बदलाव आना शुरू हुआ।’’
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क्रैमनिक के खिलाफ खेल के तरीके के बारे में पूछे जाने पर आनंद ने कहा, ‘‘विश्व चैम्पियनशिप के शुरूआती गेमों में उनके खिलाफ ज्यादा परेशानी नहीं होती थी लेकिन असली मुश्किल 10वें गेम से शुरू होती थी क्योंकि वह तब तक वह आपकी कोई कमजोरी ढूंढ लेते थे। मेरी कोशिश शुरूआती गेमों में उनको पछाड़ने की होती थी।’’