भारतीय पुरुष हॉकी टीम के ड्रैगफ्लिकर वरुण कुमार ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित होने का अनुभव उनके करियर की अन्य चुनौतियों से अलग था और वह इससे उबरकर मैदान पर वापसी करने में सफल रहे हैं। वरुण ने कहा, " एक खिलाड़ी के रूप में आपको अपने करियर में कई अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना होता है। उतार-चढ़ाव आते हैं, जब आप गोल नहीं कर पाते हो तो हताशा होती है, हार पर निराशा होती है और जीत पर खुशी होती है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाने का अहसास किसी भी अन्य से अलग था। मुझे अहसास हुआ कि मेरे इर्दगिर्द रहने वालों के प्रति मेरी नैतिक जिम्मेदारी है कि यह बीमारी किसी दूसरे तक न पहुंचे। मुझे खुशी है कि हम सभी छह खिलाड़ी इस बीमारी से पार पाने में सफल रहे।"
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2016 में एफआईएच जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे वरुण ने कहा कि साई और हॉकी इंडिया ने यह सुनिश्चित किया कि कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का खिलाड़ी अच्छी तरह से पालन करें।
उन्होंने कहा, "हमें अब यह सुनिश्चित करना है कि हम मुख्य कोच और हमारे वैज्ञानिक सलाहकार ने हमें जो कुछ करने के लिए कहा है, हम उसे करें। हम सही रास्ते पर हैं और खेल गतिविधियों को फिर से शुरू कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं अपनी लय को फिर से पा रहा हूं। हॉकी खेलने से बेहतर कोई अहसास नहीं है और इससे दूर रहने से आपको इस बात का अहसास होता है कि आपने क्या मिस किया है।"