युवा भारतीय पहलवान सोनम मलिक को सोमवार को महिलाओं के 62 किग्रा ड्रॉ के चुनौतीपूर्ण निचले हिस्से में रखा गया, जहां वह मंगोलिया की एशियाई रजत पदक विजेता बोलोरतुया खुरेलखुव के खिलाफ अपने पहले ओलंपिक अभियान की शुरुआत करेंगी। यह 19 साल की पहलवान मंगलवार को चुनौती पेश करने वाले इकलौती भारतीय पहलवान होगी।
सोनम के मुकाबले खुरेलखुव को बड़े टूर्नामेंटों में खेलने का ज्यादा अनुभव है। अप्रैल में अल्माटी में हुए एशियाई क्वॉलीफायर में फाइनल में जगह बनाकर टोक्यो खेलों के लिए क्वॉलीफाई करने वाली सोनम के जज्बे की इस मुश्किल ड्रॉ के हर मुकाबले में परीक्षा होगी।
सोनम दाहिने घुटने की चोट से उबरने के बाद ओलंपिक के लिए टोक्यो आयी है। इस चोट के कारण वह टूर्नामेंट पूर्व अभ्यास के लिए रूस नहीं जा पायी थी। मुश्किल ड्रॉ के बाद भी वह आत्मविश्वास से भरी दिखी। उन्होंने ड्रॉ कार्यक्रम के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, "मैं ठीक हूं। मेरे घुटने में अब दर्द नहीं है। यह ड्रॉ मेरे लिए न तो कठिन है और न ही आसान।"
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को हराकर सुर्खियां बटोरने के बाद ओलंपिक तक का सफर करने वाली सोनम अगर अपनी पहली बाधा को पार कर लेती है तो दूसरे दौर में उनके सामने बुल्गारिया की 2018 की विश्व चैम्पियन तायबे मुस्तफा युसीन की चुनौती होगी।
उनके निजी कोच अजमेर मलिक ने कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ड्रॉ क्या है। सोनम कोई दबाव नहीं ले रही हैं। वह जापान (युकाको कवाई) का सामना करने के लिए भी तैयार थी। वह अच्छा करेगी।"
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कवाई 2019 विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता है और सोनम अगर शुरुआती मुकाबलों को जीतने में सफल रही तो निचले-हाफ के सेमीफाइनल में इन दोनों पहलवानों का सामना हो सकता है। सोनम का ड्रा इस ऐसा है कि अगर उन्हें शुरुआती मुकाबलों में सफलता नहीं मिलती है तो भी रेपेचेज का रास्ता खुल सकता है।