भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा की नजरें यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के भालाफेंक इवेंट के फाइनल में शनिवार को स्वर्ण पदक हासिल करने पर होगी। नीरज ने क्वालीफिकेशन राउंड के पहले प्रयास में ही 86.65 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई कर भारत की पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थी। भारत ने अबतक टोक्यो ओलंपिक में दो रजत और तीन कांस्य सहित कुल पांच पदक जीते हैं लेकिन उसे अबतक स्वर्ण हासिल नहीं हुआ है।
नीरज ने क्वालीफिकेशन में जिस तरह का प्रदर्शन किया और वह ग्रुप ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई है। 23 वर्षीय नीरज ने ओलंपिक स्टेडियम में, ग्रुप ए क्वालीफिकेशन राउंड के अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंक 83.50 मीटर के ऑटोमेटिक क्वालीफाइंग अंक को हासिल किया था तथा फाइनल में पदक के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे।
नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। जोहानेस ने भी हालांकि, 85.64 मीटर का थ्रो कर ऑटोमेटिक क्वालीफिकेशन हासिल किया था।
अब शनिवार को होने वाले फाइनल में सभी की निगाहें नीरज पर होंगी क्योंकि वह इस सीजन में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके नाम 88.07 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है, जिसे उन्होंने मार्च में इंडियन ग्रां प्री में हासिल किया था।
नीरज ने मार्च में इंडियन ग्रां प्री में 88.07 मीटर के नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ अपने सीजन की शुरूआत की थी और इसके बाद फेडरेशन कप में 87.80 मीटर थ्रो के साथ एक और सराहनीय प्रदर्शन किया था।
इस बीच, भारत के स्टार पहलवान बजरंग पुनिया भी शनिवार को एक्शन में होंगे और कांस्य पदक मुकाबले में अपनी चुनौती पेश करेंगे। बजरंग को शुक्रवार को पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के हाजी अलियेव के हाथों 5-12 से हार का सामना करना पड़ा।
Tokyo Olympics 2020: महिला हॉकी टीम हुई निराश, अदिति और बजरंग से मेडल की आस
सेमीफाइनल में हार के साथ बजरंग का सोना लाने का सपना टूट गया लेकिन अब उनके पास देश के लिए कांस्य पदक जीतने का सुनहरा अवसर होगा।