Tokyo Olympics 2020: एथलेटिक्स में भारतीय अभियान का आगाज करेंगे दुती-साबले, नीरज से रहेगी पदक की उम्मीद
30 जुलाई को भारत के एथलेटिक्स अभियान की शुरुआत हो जाएगी।
ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड पर मामूली अंतर से पदक से चूकने का इतिहास लिये भारतीय एथलेटिक्स दल शुक्रवार को टोक्यो में अपने अभियान का आगाज करेगा जबकि पदक उम्मीद भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा चार अगस्त को चुनौती पेश करेंगे। विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज चोपड़ा ओलंपिक में पदक के प्रबल दावेदारों में से हैं हालांकि उनकी तैयारी पुख्ता नहीं रही है । कोरोना महामारी के कारण वह ओलंपिक से पहले सिर्फ एक शीर्ष स्तरीय टूर्नामेंट खेल सके।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने खिलाड़ियों के लिये ओलंपिक से पहले विदेश में अभ्यास सह प्रतिस्पर्धा दौरों की योजना बनाई थी लेकिन महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर इसे रद्द करना पड़ा। भारत के 26 सदस्यीय दल में से सिर्फ चोपड़ा ही टोक्यो आने से पहले यूरोप में अभ्यास कर सके। उन्होंने ओलंपिक से पहले तीन ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेले लेकिन पहले दो में स्थानीय खिलाड़ी ही भाग ले रहे थे। तीसरा टूर्नामेंट फिनलैंड में कुओर्ताने में था जिसमें वह 86.79 मीटर का थ्रो फेंककर तीसरे स्थान पर रहे। ओलंपिक में स्वर्ण पदक के दावेदार जर्मनी के जोहानेस वेटर (93.59 मीटर) ने पीला तमगा अपने नाम किया। चोपड़ा ने सत्र की शुरूआत मार्च में इंडियन ग्रां प्री में 88.07 मीटर का थ्रो फेंककर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए की थी। वहीं, 2017 विश्व चैम्पियन वेटर ने अप्रैल और जून में सात टूर्नामेंटों में 90 मीटर से अधिक का थ्रो फेंका।
चोपड़ा के प्रतिद्वंद्वियों में पोलैंड के मार्सिन क्रूकोवस्की, 2016 रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट और लाटविया के 2014 अंडर 20 विश्व चैम्पियन गाटिस काक्स हैं। चोपड़ा पहला थ्रो चार अगस्त को फेंकेगे जबकि फाइनल्स तीन दिन बाद होना है।
रियो में पांच साल पहले सिर्फ ललिता बाबर 3000 मीटर स्टीपलचेस फाइनल में पहुंच सकी थी। चक्काफेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर शीर्ष पांच में रहने का प्रयास करेगी। रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज कौर ने हाल ही में दो बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। एशियाई खेलों के चैम्पियन शॉटपुट खिलाड़ी तेजिंदर सिंह तूर ने जून में इंडियन ग्रां प्री 4 में अपना ही रिकॉर्ड बेहतर करके 21.49 मीटर का थ्रो फेंका। उनके वर्ग में प्रतिस्पर्धा कड़ी है लेकिन वह फाइनल में पहुंच सकते हैं।
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शिवपाल सिंह (भालाफेंक), अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेस) और एम श्रीशंकर (लंबी कूद) अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहरा सके तो फाइनल में पहुंच सकते हैं। साबले शुक्रवार को भारतीय चुनौती का आगाज करेंगे। उनके बाद दुती चंद (100 मीटर), एम पी जबीर (400 मीटर बाधा दौड़) उतरेंगे। मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम शाम को खेलेगी । विश्व रैंकिंग के जरिये टूर्नामेंट में उतरी दुती का लक्ष्य सेमीफाइनल में प्रवेश करना होगा।