टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने पुरुष 65 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हरा कर तमगा अपने नाम किया है। गौरतलब है कि ये भारत का टोक्यो 2020 का छठा पदक है। इससे पहले मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहेन, पीवी सिंधु, भारतीय हॉकी टीम और रवि दहिया ने पदक जीता था। अब ये भारत का छठा पदक है।
आपको बता दें कि रेस्लिंग में भारत के लिए सबसे पहला मेडल 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में केडी जाधव ने पदक जीता था। इसके बाद भारत को 56 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था और 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सूखा खत्म किया था। इसके बाद सुशील ने ही 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था और वह भारत के लिए ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज और 2016 रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। छठा पदक रवि दहिया ने ओलंपिक 2020 में अपने नाम किया। अब इसी टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग पुनिया ने भी पदक हासिल किया।
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गौरतलब है कि बजरंग पुनिया ने इस बार ओलंपिक में उन्होंने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन वे उस मुकाबले में 12-5 से तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन हाजी अलीयेव ने हार गए थे। इसी के साथ उनका स्वर्ण पदक का सपना भी टूट गया था।