कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहे महान भारतीय फर्राटा धावक मिल्खा सिंह की हालत स्थिर है और कल से बेहतर है जिनका इलाज यहां के पीजीआईएमईआर (स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान) अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। यहां जारी विज्ञप्ति में पीजीआईएमईआर ने कहा कि मिल्खा सिंह शुक्रवार की तुलना में बेहतर हैं। गुरुवार को उन्हें ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बाद अस्पताल में लाया गया था।
पीजीआईएमईआर के आधिकारिक प्रवक्ता प्रो.अशोक कुमार ने बयान में कहा, ‘‘ फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह कोविड-19 से जूझ रहे हैं, उन्हें तीन जून से पीजीआईएमईआर के एनएचई ब्लॉक के आईसीयू में भर्ती किया गया है। ’’
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उन्होंने सोशल मीडिया पर शनिवार सुबह से चल रही उनके निधन की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ उनके चिकित्सीय मानकों के आधार पर उनकी हालत कल की तुलना में आज पांच जून को बेहतर है।’’
बयान में यह सूचित किया गया कि 91 वर्षीय मिल्खा की निगरानी तीन डॉक्टरों की टीम रख रही है। उन्हें गुरूवार को ऑक्सीजन के गिरते स्तर के बाद अस्पताल लाया गया था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिये फोन किया था। मोदी ने मिल्खा से बात की और उम्मीद जतायी कि वह जल्द ही स्वस्थ्य होकर तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को आर्शीवाद देंगे और उन्हें प्ररित करेंगे।
मिल्खा को पिछले रविवार मोहाली में एक निजी अस्पताल में संक्रमण के इलाज के बाद छुट्टी दे दी गयी थी। लेकिन घर पर भी उनके ऑक्सीजन लगी रही। मिल्खा की 82 वर्षीय पत्नी निर्मल फोर्टिस अस्पताल के आईसीयू में है जिन्हें पति के संक्रमित होने के कुछ दिन बाद कोविड-19 की पुष्टि हुई।
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मिल्खा के बेटे और मशहूर गोल्फर जीव 22 मई को दुबई से चंडीगढ़ के आ गये थे जबकि अमेरिका में डॉक्टर उनकी बड़ी बहन मोना मिल्खा सिंह भी कुछ दिन पहले यहां पहुंच चुकी हैं। मिल्खा सिंह के नौकर भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और आशंका है कि यह दंपत्ति उनके संपर्क में आने से कोविड-19 पॉजिटिव हो गया।
एशियाई खेलों के चार बार के स्वर्ण पदक और राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में 400 मीटर के फाइनल में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गये थे।