नई दिल्ली। ओलंपिक में दो बार पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां वह हत्या के एक मामले में आरोपी होने के नाते पुलिस हिरासत में हैं वहीं दिल्ली सरकार ने उनका डेप्यूटेशन बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है।
दिल्ली सरकार ने उनका आवेदन खारिज कर उत्तर रेलवे विभाग को भेज दिया है जहां वह कार्यरत हैं। सुशील दिल्ली सरकार में 2015 से प्रतिनियुक्ति पर थे और उनका कार्यकाल 2020 तक बढ़ा दिया गया था लेकिन वह इसे 2021 में भी बढ़वाना चाहते थे।
उत्तर रेलवे के एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार ने सुशील की फाइल भेजी थी जिसमें कहा था कि उन्होंने सुशील के प्रतिनियुक्ति बढ़ाने की मांग खारिज कर दी है।"
सूत्र ने कहा, "राज्य सरकार ने सुशील के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी भी अटैच की है जिसमें उनका नाम चार मई को छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय पहलवान की मौत के मामले जुड़ा है। चूंकि सुशील को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है इसके कारण वह उत्तर रेलवे की अपनी नौकरी गंवा सकते हैं।"
उत्तर रेलवे में सीनियर वाणिज्यिक मैनेजर के तौर पर कार्यरत सुशील को दिल्ली सरकार ने छत्रसाल स्टेडियम में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के तौर पर तैनात किया था।
दिल्ली सरकार के अधिकारी ने कहा, "सुशील ने पिछले महीने एक बार फिर एक साल के लिए प्रतिनियुक्ति बढ़ाने की मांग की थी लेकिन इस बारे अनुमोदन लंबित पड़ा है।"
उत्तर रेलवे के अधिकारी ने कहा, "यह विकट स्थिति है क्योंकि वह दफ्तर में शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है। दिल्ली सरकार की ओर से सिर्फ उनकी फाइल हमारे पास है। उसमें लिखा है कि सुशील अब उनके साथ नहीं है। चंकि वह दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं तो हमें नियमों को देखकर भविष्य के बारे में फैसला लेना होगा।"
सुशील को पहलवान की हत्या के मामले में जालंधर से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस बात से इंकार किया था और कहा कि सुशील को दिल्ली के बाहरी इलाके से ही गिरफ्तार किया गया है।