A
Hindi News खेल अन्य खेल एशियाई खेलों में जापान के खिलाफ सफलता से ओलंपिक को लेकर साथियान का हौसला बढ़ा

एशियाई खेलों में जापान के खिलाफ सफलता से ओलंपिक को लेकर साथियान का हौसला बढ़ा

साथियान को जापान में टेबल टेनिस लीग में खेलने का अनुभव है, जिसका फायदा उन्हें ओलंपिक में मिल सकता है। 

Success against Japan in Asian Games boosted Sathiyan's spirits about Olympics- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Success against Japan in Asian Games boosted Sathiyan's spirits about Olympics

नई दिल्ली। भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी जी साथियान ने दो साल पहले एशियाई खेलों में जापान के विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज खिलाड़ी को हराया था जिससे आगामी ओलंपिक खेलों में अच्छे प्रदर्शन को लेकर उनका हौसला बढ़ा है। साथियान को जापान में टेबल टेनिस लीग में खेलने का अनुभव है, जिसका फायदा उन्हें ओलंपिक में मिल सकता है। 

एशियाई खेलों को टेबल टेनिस बिरादरी में मिनी ओलंपिक के तौर पर जाना जाता है और साथियान ने 2018 में इन खेलों में क्वार्टर फाइनल में जापान के खिलाड़ियों के खिलाफ अपने दोनों मुकाबले जीते थे। उन्होंने इसके अगले साल एशियाई चैम्पियनशिप में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और  दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी हरिमोतो तोमोकाजू को हराया था। साथियान और शरत कमल दोनों को 17 से 32 के वर्ग में वरीयता दी गयी है और उन्हें पहले दौर में बाई मिलेगी। 

टोक्यो में सोमवार को अपने पहले अभ्यास सत्र के बाद साथियान ने कहा, ‘‘  क्वार्टरफाइनल में पहुंचना शानदार होगा। यह मुश्किल होगा लेकिन हरिमोतो को हराने से काफी आत्मविश्वास मिला है। और अगर आप अंतिम आठ तक पहुंचने में कामयाब हो जाते हैं, तो फिर आप किसी को भी हरा सकते हैं।’’ 

साथियान के निजी कोच और ओलंपियन ए रमन यहां नहीं होंगे क्योंकि मनिका बत्रा के निजी कोच को मंजूरी दी गयी। अपने कोच को मंजूरी नहीं मिलने साथियान थोड़े निराश है। 

उन्होंने कहा, ‘‘  बेशक यह निराशाजनक है कि वह तोक्यो में नहीं होंगे। वह वहां एशियाई खेलों में थे और मैंने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया था। उनकी उपस्थिति से ही फर्क पड़ा लेकिन ये कोविड-19 का समय हैं और कई प्रतिबंध हैं।’’ 

विश्व रैंकिंग में 38वें स्थान पर काबिज इस खिलाड़ी ने कहा चीन, कोरिया और जापान के खिलाड़ी ओलंपिक में ज्यादा दबाव में होंगे जिसका वह फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। 

उन्होंने कहा, ‘‘ शीर्ष एशियाई खिलाड़ियों पर काफी दबाव है क्योंकि वे जीत के प्रबल दावेदार हैं। जब हम उनके खिलाफ (2018 में जापान) खेले तो हम दबाव देख सकते थे। हमें इसका फायदा उठाना होगा। अगर आप शुरू से ही आक्रामक खेलते हैं तो आप पैठ बना सकते हैं और उन्हें दबाव में डाल सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ये खिलाड़ी हालांकि अब ज्यादा तैयारी के साथ आएंगे और हमें हल्के में नहीं लेंगे।’’ 

भारतीय टेबल टेनिस दल में चार खिलाड़ी है जिन्हें अगले चार-पांच दिन अभ्यास का अच्छा मौका मिलेगा। ओलंपिक में टेबल टेनिस स्पर्धाओं का आगाज 24 जुलाई से होगा। साथियान को ओलंपिक में इस्तेमाल होने वाले सान-ईल टेबल पर खेलने का अनुभव हैं। वह पिछले साल जापान लीग में इस तरह के टेबल पर खेले थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘ शरत और मैं दोनों जापान लीग में दूसरे दौर में खेले थे। घबराहट होगी लेकिन मुझे पता है कि बड़े मैचों में कैसे खेलना है। मेरा मानना है कि दबाव में मैं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता हूं।’’