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लॉकडाउन ब्रेक का इस्तेमाल न्यूट्रिशनिस्ट बनने में कर रहे हैं स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल

भारत के शीर्ष स्क्वाश खिलाड़ी सौरव घोषाल लॉकडाउन के समय का इस्तेमाल पोषण संबंधी प्रमाणित पाठ्यक्रम पूरा करने के लिये कर रहे हैं। 

<p>लॉकडाउन ब्रेक का...- India TV Hindi Image Source : GETTY लॉकडाउन ब्रेक का इस्तेमाल न्यूट्रिशनिस्ट बनने में कर रहे हैं स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल

नई दिल्ली। भारत के शीर्ष स्क्वाश खिलाड़ी सौरव घोषाल लॉकडाउन के समय का इस्तेमाल पोषण संबंधी प्रमाणित पाठ्यक्रम पूरा करने के लिये कर रहे हैं। स्क्वाश में पूर्ण फिटनेस की जरूरत होती है और घोषाल काफी फिट हैं। एक खिलाड़ी के तौर फिट रहने के लिये पर खान-पान काफी अहम होता है और वह इस अनिश्चित ब्रेक का इस्तेमाल भोजन विज्ञान के बारे में जानकारी लेने के लिये कर रहे हैं।

कोलकाता के घोषाल ने पीटीआई से कहा, ‘‘आप पूरे समय घर पर ही हो तो, आपके लिये नयी चीजें सीखना काफी अहम है। इसलिये मैंने पोषण पाठ्यक्रम करने का फैसला किया जो पीएसए (पेशेवर स्क्वाश संस्था) से प्रमाणित है। इसमें 11 लेक्चर हैं और हर लेक्चर के अंत में आकलन होता है और तभी आप अगले लेक्चर के लिये आगे बढ़ सकते हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक मैंने प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, मिनरल और विटामिन के बारे में सीखा है। इनका क्या काम है, क्या नहीं। किस खाने में कौन से पोषक तत्व होते हैं। एक व्यक्ति की चिकित्सकीय स्थिति कैसी है, उसी के आधार पर पोषण संबंधित सलाह दी जाती हैं।’’

पीएसए ने जुलाई तक सभी गतिविधियां निलंबित कर दी हैं और घोषाल का कहना है कि इस समय खेल महत्वपूर्ण नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से सामान्य समय नहीं है, मानसिक रूप से घर पर लंबे समय के लिये रहना एक चुनौती है। इसके अलावा भी कई बड़े मुद्दे हैं जैसे वे लोग दिन में तीन वक्त का खाना भी नहीं जुटा पाते।’’