फर्राटा धावक मिल्खा सिंह शुक्रवार रात जिंदगी की रेस हार गए और 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह पिछले कुछ समय से कोरोनावायरस से संक्रमित थे। इस महामारी से भी बखूबी लड़े, लेकिन अंत में उनकी रफ्तार धीमी पड़ गई और वह जिंदगी की जंग हार गए। उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मिल्खा सिंह ने रात 11.30 पर आखिरी सांस ली।’’
देर रात आई इस खबर के बाद पूरा खेल जगत शोक में है और सोशल मीडिया के जरिए हर किसी ने मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि दी।
देखें ट्वीट्स
मिल्खा सिंह के निधन से पहले खबर आई थी कि उनके ऑक्सीजन लेवल में लगातार गिरावट आ रही है। वह पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे। उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था।
गुरूवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी। उनकी पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था।
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था ।