स्पोर्ट्स चिकित्सकों की राय, अगले 3 से 6 महीनों तक नहीं होने चाहिए कोई भी खेल
मैक्स अस्पताल के खेल चोटों के सर्जन डा.आकाश सभरवाल ने कहा, ‘‘इसमें संदेह नहीं कि खेलों का विशेष महत्व है लेकिन अभी जान बचाना जरूरी है।"
नई दिल्ली| कोविड-19 महामारी के कारण स्टेडियम सूने पड़े हैं और चिकित्सा विशेषज्ञों ने बुधवार को आगाह किया कि इस साल किसी भी खेल प्रतियोगिता को बहाल करने का मतलब होगा जान को जोखिम में डालना। खेल प्रतियोगिताएं कब शुरू हो पाएंगी, इस सवाल पर क्षेत्र के कुछ शीर्ष चिकित्सकों ने कहा कि अगले छह महीने और यहां तक कि नौ महीने तक ऐसी संभावना नहीं दिख रही है और शुरू में इनका स्वरूप भी पहले जैसा नहीं होगा।
कोरोना वायरस से क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, रेसिंग ही नहीं ओलंपिक खेल भी प्रभावित हैं। मैक्स अस्पताल के खेल चोटों के सर्जन डा.आकाश सभरवाल ने कहा, ‘‘इसमें संदेह नहीं कि खेलों का विशेष महत्व है लेकिन अभी जान बचाना जरूरी है। ऐसे में अगर खेल प्रतियोगिताएं होती हैं तो वहां बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचेंगे जिससे कि बड़ा नुकसान हो सकता है। ’’
उन्होंने कहा कि संक्रमण बड़ी तेजी से हो रहा है और इसलिए कुछ समय के लिये इससे बचना चाहिए। कई लीगों के मुख्य कार्यकारी और प्रशासक महामारी के नियंत्रित होने के बाद टूर्नामेंट को फिर से शुरू करने को लेकर मंत्रणा कर रहे हैं लेकिन चिकित्सकों ने कहा कि कुछ समय के लिये दर्शकों के बिना इनका आयोजन करना भी उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा तभी हो सकता है जबकि चीजें आज से काफी बेहतर हों लेकिन तब भी यह जोखिम भरा होगा क्योंकि इसमें खिलाड़ी, अधिकारी, आयोजक और कई अन्य स्टाफ जुड़ा होगा और संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहेगी। ’’ सभरवाल ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि आईपीएल जैसी प्रतियोगिता से बड़ी धनराशि जुड़ी है लेकिन ओलंपिक तक को स्थगित करना पड़ा क्योंकि कोई विकल्प नहीं था। ’’
बीसीसीआई ने मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग के फ्रेचाइजी से कहा कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के कारण प्रतियोगिता को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया जाता है। इससे लीग के अप्रैल मई में होने की संभावना लगभग समाप्त हो गयी है। श्री गंगाराम अस्पताल के खेल चिकित्सा विशेषज्ञ डा.आशीष आचार्य ने कहा कि कम से कम छह महीने तक खेलों का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘खेल इस समय प्राथमिकता में काफी नीचे हैं। हमें पहले जरूरी चीजों पर ध्यान देना होगा ताकि लोग तनावग्रस्त न हों। मुझे लगता है कि अगले तीन से छह महीने तक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करना बुद्धिमतापूर्ण होगा। ’’
गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा.नेहा गुप्ता ने भी उनकी हां में हां मिलायी। उन्होंने कहा, ‘‘यह नया वायरस है और इसके फैलने की संभावना बहुत अधिक है। इसलिए मेरा मानना है कि कुछ महीनों तक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं होना चाहिए। कम से कम जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती। ’’
मनिपाल अस्पताल द्वारा के डा.पुनीत खन्ना की राय भी इससे इतर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कम से कम अगले तीन से छह महीनों तक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं करना ही बुद्धिमानी होगी। खेल आयोजन का मतलब जान खतरे में डालना होगा। ’’