खेल मंत्रालय ने एसजीएफआई चुनावों को बताया अवैध
एसजीएफआई ने तमिलनाडु के नागापट्टनम में दिसंबर में आयोजित अपनी वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान नए पदाधिकारियों का चुनाव किया था।
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के हालिया चुनावों को अवैध घोषित कर दिया। एसजीएफआई ने तमिलनाडु के नागापट्टनम में दिसंबर में आयोजित अपनी वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान नए पदाधिकारियों का चुनाव किया था।
मंत्रालय ने एसजीएफआई को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में वार्षिक मान्यता देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जो स्कूल स्तर पर खेलों की देखरेख करता है। खेल मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर चुनावों के दौरान राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के दिशानिर्देशों को अनदेखा किया गया था।
यह भी पढ़ें- IPL नीलामी में 1097 खिलाड़ियों पर लगेगा दांव, लिस्ट में 283 विदेशी खिलाड़ी भी शामिल
मंत्रालय ने एसजीएफआई को लिखे पत्र में कहा कि एसजीएफआई को खेल संहिता के अनुसार फिर से चुनाव कराने चाहिए।
एसजीएफआई के अध्यक्ष रहे दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने आरोप लगाया था कि एसजीएफआई के महासचिव राजेश मिश्रा ने सत्ता में बने रहने के लिए एसजीएफआई संविधान में हेरफेर किया था।
सुशील ने यह भी आरोप लगाया था कि मिश्रा ने एसजीएफआई के उप-कानूनों को बदलने के लिए अपने हस्ताक्षर किए थे। ओलंपियन ने खेल मंत्री को मिश्रा द्वारा किए गए हेरफेर के बारे में अवगत कराया और मंत्रालय ने कथित धोखाधड़ी के बारे में गंभीरता से विचार किया।
यह भी पढ़ें- IND vs ENG : 100वें टेस्ट में शतक जड़ने को जो रूट ने बताया बेहद खास, पिच के बारे में कही ये बात
दिसम्बर में हुए चुनावों में वी. रंजीत कुमार को एसजीएफआई का अध्यक्ष चुना गया था जबकि आलोक खरे को महासचिव और मुक्तेश सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया। पूर्व महासचिव मिश्रा को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नामित किया गया था।
एसजीएफआई पिछले साल कोविड महामारी के कारण प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं कर सका।