नई दिल्ली। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता गगन नारंग का मानना है निशानेबाजी के पास अन्य खेलों की तुलना में आउटडोर ट्रेनिंग सुविधाओं का जल्द शुरू करने का वास्तविक मौका है क्योंकि इसमें आपस में संपर्क नहीं होता और निशानेबाज के पास हमेशा अपना सामान रहता है। नारंग ने हालांकि कहा कि ऐसा कोविड-19 का प्रकोप कम होने पर ही किया जाना चाहिए और सामाजिक दूरी से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता नारंग ने पीटीआई से कहा,‘‘निशानेबाजी दोबारा शुरू होने वाले शुरुआती खेलों में शामिल हो सकता है क्योंकि यह आपसी संपर्क का खेल नहीं है जिसमें निशानेबाजों के पास अपना व्यक्तिगत सामान होता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘निशानेबाजी रेंज में सामाजिक दूरी से जुड़े नियमों का पालन हो सकता है क्योंकि 10 मीटर रेंज में दो प्रतिभागियों के बीच कम से कम एक से डेढ़ मीटर की दूरी होती है जबकि 50 मीटर रेंज में यह दूरी 1.25 मीटर की होती है।’’
विश्व कप में कई बार के स्वर्ण पदक विजेता इस निशानेबाज ने कहा,‘‘शॉटगन में दो निशानेबाजों के बीच सामाजिक दूरी बनाने के लिए पर्याप्त जगह होती है।’’ एनआईएस पटियाला और बेंगलुरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में रह रहे खिलाड़ियों के चरणबद्ध तरीके से आउटडोर ट्रेनिंग शुरू करने के आग्रह पर खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को उन्हें आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय से बात करेंगे।
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रीजीजू ने साथ ही कहा था कि खिलाड़ियों, कोचों और अन्य स्टाफ के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के इरादे से समिति का गठन किया जाएगा। ट्रेनिंग दोबारा शुरू होने पर सभी को एसओपी का पालन करना होगा। नारंग ने दोहराया कि वह सिर्फ ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने की बात कर रहे हैं और टूर्नामेंट की मेजबानी या उनमें हिस्सा लेने की नहीं।
इस दिग्गज राइफल निशानेबाज ने यूरोप का उदाहरण दिया जहां कुछ देशों में निशानेबाजी की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। नारंग ने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि भारत में भी एक-दो जगह पर ट्रेनिंग शुरू हो गई है। जहां तक यूरोपीय देशों का सवाल है तो मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे क्षेत्रों में विभाजित किया है या नहीं लेकिन सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए उनमें से कुछ ने रेंज खोल दी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि अगर सामाजिक दूरी का पालन किया जाए तो निशानेबाजी उन खेलों में शामिल होगा जिन्हें शुरू किया जा सकता है।’’ नारंग ने अंतरराष्ट्रीय आनलाइन निशानेबाजी प्रतियोगिताओं के आयोजन के विचार का भी समर्थन किया।