रितु फोगाट ने बताया क्यों उन्होंने कुश्ती छोड़ अपनाया मिक्स मार्शल आर्ट्स
रितु ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा कि अब वह कुछ अलग करना चाहती है, इसलिए उन्होंने एमएमए में आने का फैसला किया है। उन्होंने साथ ही कहा कि वह एमएमए में भारत की ओर से पहली बार विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीतना चाहती हैं।
नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैम्पियनशिप-2016 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की महिला पहलवान रितु फोगाट कुछ अलग करने का चाह में अब कुश्ती को छोड़कर मिक्स मार्शल आर्ट्स (एमएमए) में उतरने जा रही हैं। रितु ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा कि अब वह कुछ अलग करना चाहती है, इसलिए उन्होंने एमएमए में आने का फैसला किया है। उन्होंने साथ ही कहा कि वह एमएमए में भारत की ओर से पहली बार विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीतना चाहती हैं।
रितु ने कहा, "मैं एमएमए को बहुत समय से फॉलो कर रही थी और मैं इससे बहुत प्रभावित थी। मैं हमेशा यह सोचती थी कि एमएमए में आज तक कोई भी भारत का विश्व चैम्पियन क्यों नहीं बना है। मैं बचपन से ही कुश्ती कर रही हूं और कुश्ती मेरा पहला प्यार है और हमेशा रहेगा। बस मेरे अंदर से कुछ अलग करने की चाहत थी, इसलिए मैं एमएमए में दिलचस्पी लेने लगा।"
24 वर्षीय रितु दिसंबर 2016 में प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) नीलामी में सबसे महंगी महिला पहलवान रहीं थीं। जयपुर निंजाज ने रितु को 36 लाख रुपये में खरीदा था।
उन्होंने एमएमए को चुने जाने को लेकर कहा, "जैसे कि मैंने कहा कि एमएमए में भारत की ओर से अभी तक कोई भी एथलीट विश्व चैम्पियन नहीं बना है। मुझे एमएमए में काफी दिलचस्प था। जब मेरे मैनेजर बीरबल स्पोर्ट्स ने इस मौके के बारे में मुझे बताया तब मुझे लगा कि अब से सच हो सकता है और मैं एमएमए में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकती हूं।"
यह पूछे जाने पर कि इस खेल में आप किसे अपना आदर्श मानती हैं, उन्होंने कहा, "मैं एमएमए को हमेशा देखती हूं और इसमें काफी खिलाड़ी हैं जो मुझे पसंद हैं। इसमें कई ऐसे महिला खिलाड़ी भी हैं, जिन्होंने इस खेल में काफी अच्छा किया है। हालांकि इस खेल में मेरा कोई आदर्श नहीं है क्योंकि मेरे पिताजी ही हमेशा से मेरे आदर्श रहे हैं। उन्होंने मेरे करियर में पूरा सपोर्ट किया है चाहे वह कुश्ती हो या मिक्स मार्शल आर्ट्स।"
रितु ने नवंबर 2017 में सिंगापुर में हुई अंडर-23 रेसलिंग चैम्पियनशिप के 48 किग्रा में रजत पदक जीता था और अब वह सिंगापुर से ही एमएमए की तैयारी करने करने जा रही हैं।
उन्होंने कहा, "मैं एमएमए की ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर स्थित 'इवोल्व एमएम' सबसे अच्छी ट्रेनिंग जिम है और मैं भी वहीं से अपनी ट्रेनिंग शुरू करूंगी। 'इवोल्व एमएम' ने दुनिया को कई सारे विश्व चैम्पियन दिए हैं और इसलिए मैं भी वहीं से अपने नए करियर की शुरुआत करना चाहती हूं।"
रितु एमएमए में भाग लेने वाली भारत की दूसरी एथलीट होंगी। उनसे पहले भरत खंडारे एमएमए की यूएफसी जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उतर चुके हैं।
यह पूछने पर कि कुश्ती के मुकाबले एमएमए कितना मुश्किल होने वाला है, रितु ने कहा, " एमएमए में कुश्ती के स्किल्स की बहुत जरूरत होती है। अगर आप कुश्ती के अच्छे पहलवान हैं तो आप तेजी से एमएमए सीख सकते हैं। एमएमए में पहले के समय में जितने भी विश्व चैम्पियन हुए हैं, वे सब फ्री स्टाइल कुश्ती से ही निकले थे।"
हरियाणा की रितु ने एमएमए में अपना पहला टूर्नामेंट खेलने को लेकर कहा, "अभी मेरी ट्रेनिंग शुरू हो रही है। मैं कुश्ती के साथ-साथ मार्शल आर्ट्स के अलग-अलग तरीके भी सिखूंगी, जैसे मुआय, थाई और बीजेजे। ये सब सीखने के बाद जब मैं पूरी तरह से तैयार हो जाऊंगी तब मैं अपना पहला मैच खेलने उतरूंगी।"