वन चैम्पियनशिप में जारी है रितु फोगाट का विजयी क्रम, दूसरे मुकाबले में मिली एकतरफा जीत
फोगाट ने अपनी शक्ति की बदौलत तीन राउंड्स में शानदार नियंत्रण बनाए रखा। रितु ने चीनी प्रतिद्वंद्वी को शुरुआत में ही टेकडाउन के लिए मजबूर किया और फिर उठने का मौका नहीं दिया।
पहलवान से मिक्स्ड मार्शल आटर्स (एमएमए) फाइटर बनीं भारत की रितु फोगाट ने वन चैम्पियनशिप में अपना वर्चस्व जारी रखा है। रितु ने शुक्रवार को सिंगापुर इडोर स्टेडियम में आयोजित वन : किंग ऑफ जंगल में चीन की डेब्यूटेंट लू चियाओ चेन को एकतरफा मुकाबले में हरा दिया। एमएमए में बतौर एमेच्योर 8-0 का रिकॉर्ड रखने वाली चीनी खिलाड़ी जेजेआईएफ एशियाई जियू-जियू चैम्पियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। चेन हालांकि रितु के खिलाफ एटमवेट मुकाबले में कहीं नहीं ठहरीं और एकतरफा हार को मजबूर हुईं।
फोगाट ने अपनी शक्ति की बदौलत तीन राउंड्स में शानदार नियंत्रण बनाए रखा। रितु ने चीनी प्रतिद्वंद्वी को शुरुआत में ही टेकडाउन के लिए मजबूर किया और फिर उठने का मौका नहीं दिया। दूसरे राउंड में हालांकि चेन ने रितु को चुनौती देना चाहा लेकिन वह रितु की ताकत के आगे नहीं टिक सकीं। रितु ने चेन को डिफेंड करने का एक भी मौका नहीं दिया। अंतिम राउंड में रितु काफी आक्रामक नजर आईं और चेन पर तेज प्रहार करती दिखीं। इस तरह सभी जजों ने रितु को एकतरफा विजेता घोषित किया।
मैच के बाद रितु ने कहा,-वन चैम्पियनशिप में अपना दूसरा मुकाबला जीतना मेरे लिए हर्ष का विषय है। इससे मेरा आत्मबल और बढ़ा है। मैं अपने कोचों और अपने भारतीय फैन्स का धन्यवाद करना चाहती हूं। भारत का पहला एमएमए विश्व चैम्पियन बनने का मेरा लक्ष्य अभी भी काफी दूर है लेकिन मैं वहां पहुंचने के लिए पूरे समर्पण के साथ मेहनत करती रहूंगी।
रितु ने बीते साल एमएमए में शानदार डेब्यू किया था। रितु ने अपने करियर के पहले ही मुकाबले में नैम ही किम को टेक्नीकल नॉकआउट के आधार पर हराया था।
महान कुश्ती कोच महावीर सिंह फोगाट की बेटी रितु ने आठ साल की उम्र से ही कुश्ती में अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। एमएमए में आने से पहले रितु तीन बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीत चुकी थीं और साथ ही उनके नाम 2016 कामनवेल्थ रेसलिंग चैम्पियनशिप का स्वर्ण भी था। 2017 में रितु ने पोलैंड में आयोजित वलर्ड अंडर-23 रेसलिंग चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वह यह पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं।
अपने अब तक के शानदार प्रदर्शन के दम पर रितु भारत में एमएमए को करियर के रूप में अपनाने की इच्छा रखने वाली लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
इसे लेकर रितु ने कहा,- एमएमए में भारत का प्रतिनिधित्व करके मैं उल्लासित हूं। यह खेल अभी उभर रहा है और मैं देख रही हूं कि यह जल्द ही भारत में काफी लोकप्रिय हो जाएगा।