भारत के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 2012 में पोस्ट किए गए नस्लवादी और लिंगभेद से जुड़े ट्वीट के कारण निलंबन झेलने वाले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि इस सजा को ‘ सोशल मीडिया की मौजूदा पीढ़ी को भविष्य के लिए एक मजबूत संकेत’ के रूप में देखना चाहिये।
न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से पदार्पण करने वाले रॉबिन्सन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निलंबित करते हुए इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने रविवार को कहा कि वह गुरुवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिये उपलब्ध नहीं रहेंगे।
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इस 27 साल के खिलाड़ी को 2012-13 में किये गये भेदभावपूर्ण ट्वीट की जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। अश्विन ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ मैं उन नकारात्मक भावनाओं को समझ सकता हूं जो ओली रोबिन्सन ने वर्षों पहले व्यक्त की थी, लेकिन मुझे उसके टेस्ट करियर की प्रभावशाली शुरुआत के बाद निलंबित किए जाने के लिए वास्तव में खेद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह निलंबन इस बात का एक मजबूत संकेत है कि इस सोशल मीडिया की पीढी का भविष्य क्या है।’’ रॉबिन्सन ने मैच में सात विकेट लिये तथा इंग्लैंड की पहली पारी में 42 रन का अहम योगदान दिया था।
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रॉबिन्सन ने ये ट्वीट तब किये थे जब वह 18-19 साल के थे। ये ट्वीट नस्लवादी और लिंगभेद से जुड़े थे। मैच के पहले दिन इन ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा होती रही जिसके बाद रॉबिन्सन ने माफी मांगी थी।
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने भी अश्विन के पोस्ट पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मुझे इस बात की खुशी है कि मैं संन्यास लेने के बाद ट्विटर से जुड़ा।’’