ग्वांग्जू| विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने के बाद से खराब दौर से जूझ रही भारतीय बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू को उम्मीद है कि
बुधवार से शुरू हो रहे सत्र के आखिरी बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में वह फार्म में लौटेंगी।
सिंधू ने अगस्त में बासेल में विश्व चैम्पियनशिप जीती लेकिन उसके बाद से वह लगातार खराब फार्म में है। ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू जुलाई में इंडोनेशिया ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। इसके बाद कोरिया ओपन और फुजोउ ओपन में पहले दौर से बाहर हो गई जबकि चाइना ओपन, डेनमार्क ओपन और हांगकांग ओपन के दूसरे दौर में हारी।
बीडब्ल्यूएफ रेस टू ग्वांग्जू रैंकिंग में सिर्फ शीर्ष आठ खिलाड़ी ही विश्व टूर फाइनल्स खेलते हैं। सिंधू इस साल के आखिर में 15वें स्थान पर होगी लेकिन विश्व चैम्पियन होने के कारण उन्हे खेलने का मौका मिलेगा। सिंधू ने विश्व फाइनल्स की तैयारी के लिये हांगकांग ओपन के बाद ब्रेक लिया था। वह 2017 और 2018 में फाइनल खेल चुकी है।
इस बार उन्हें ग्रुप ए में चीन की चेन यू फेइ, हि बिंग जियाओ और जापान की अकाने यामागुची के साथ रखा गया है। ग्रुप बी में ताइवान की तेइ जू यिंग, थाईलैंड की रेचानोक इंतानोन और बुसानन ओंगबामरूंगफन और जापान की नोजोमी ओकुहारा हैं।
सिंधू को पहला मैच यामागुची से खेलना है जिसने इंडानेशिया और जापान में खिताब जीते। उसके बाद कूल्हे की चोट के कारण वह चार टूर्नामेंटों से पहले दौर में बाहर हुई। सिंधू का इस जापानी खिलाड़ी के खिलाफ 10.6 का रिकार्ड है लेकिन वह इससे पिछले दो मैच हारी है।