EXCLUSIVE | हम यहीं नहीं रुकेंगे, अगले ओलंपिक में मेडल का रंग बदलना है : मनप्रीत सिंह
भारतीय हॉकी टीम कप्तान मनप्रीत सिंह ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में देशवासियों से मिले भरपूर प्यार और सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया।
टोक्यो में वैसे तो भारतीय एथलीटों ने 7 मेडल जीतकर ओलंपिक इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन जब हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए पॉडियम फिनिश किया तो, पूरा देश अपनी टीम के सम्मान में एकजुट नजर आया। भारतीय हॉकी टीम कप्तान मनप्रीत सिंह की कप्तानी में 41 साल बाद ओलंपिक में मेडल जीतने में सफल रही। मेडल के साथ वतन वापसी पर पूरी हॉकी टीम का जोरदार स्वागत हुआ और इससे कप्तान मनप्रीत सिंह काफी अभिभूत हैं।
भारतीय हॉकी टीम कप्तान मनप्रीत सिंह ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में देशवासियों से मिले भरपूर प्यार और सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने फैंस से लगातार हॉकी टीम को सपोर्ट करने की बात कही। मनप्रीत ने भरपूर प्यार के लिए फैंस का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, "ओलंपिक के समय फैंस ने हमें बहुत ज्यादा सम्मान और प्यार दिया। इस बीच जब हम 2 मैच हारे भी तो फैंस ने अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखा। मैं यही कहना चाहता हूं कि आगे भी हमें ऐसे ही सपोर्ट करते रहें और आने वाले समय में हमारी टीम और अच्छा परफार्म करेगी।
2012 के बाद से टीम में हुआ लगातार सुधार
मनप्रीत सिंह ने इंडिया टीवी से कहा, "41 साल बाद मेडल जीतने का बाद बहुत अच्छा फील हो रहा है। पिछला मेडल जब आया था तब मैं पैदा भी नहीं हुआ था। आखिरकार हम ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब हुए और इससे काफी खुश हैं। ये मेरा तीसरा ओलंपिक था और पहले दो ओलंपिक मेरे लिए इतने अच्छे नहीं रहे थे। 2012 का लंदन ओलंपिक बहुत ही खराब रहा था क्योंकि हम बिना जीत के वापस लौटे थे। 2016 में हम क्वार्टर फाइनल में हार गए थे। लेकिन इस बार मेडल के साथ लौटने पर बेहद खुशी हो रही है।"
एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर रह चुके मनप्रीत ने भारतीय हॉकी टीम में लगातार हो रहे सुधार को लेकर कहा, "हमारी टीम ने 2012 के खराब दौर के बाद से काफी सुधार किया है। हमने 2014 एशियन गेम्स से अपने खेल सुधार की शुरूआत की और गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद हम कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे। फिर 2016 में हमारी टीम चैंपियंस ट्राफी में सिल्वर पर कब्जा करने में सफल रही। वहां से देखा जाए तो टीम ने काफी सुधार किया है।"
ओलंपिक मेडल का रंग बदलने पर निगाहें
टोक्यो ओलंपिक में जब भारतीय हॉकी टीम गोल्ड मेडल मुकाबले में जगह बनाने की कोशिश में जुटी थी, तब बेल्जियम ने भारत को 5-2 से हराकर टीम का फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया। कुछ ऐसा ही 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के साथ हुआ। उस वक्त हॉकी टीम को नीदरलैंड के हाथों कांटे के मुकाबले में 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी। ऐसे में दुनियां की टॉप हॉकी टीमें अभी भी भारत के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं। इस पर मनप्रीत ने कहा, "हम वीडियो ऐनालिसिस के जरिये पता करने की कोशिश करेंगे हमसे कहां गलतियां हुईं हैं और हमें अभी हमें यही नहीं रुकना है। हमारी स्ट्रेटेजी बस आगे बढ़ते रहने की है। फिलहाल टीम की कमजोरियों पर काम करना है और आने वाले ओलंपिक में मेडल का रंग बदलना है।"
भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में शुरूआती 2 जीत के साथ शानदार आगाज किया था लेकिन फैंस को उस समय बड़ा झटका लगा जब टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-7 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद सभी को लगने लगा कि टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में भी पिछले प्रदर्शन की तरह कुछ खास नहीं कर पाएगी लेकिन इस हार ने टीम इंडिया में एक नई जान फूंक दी और तीसरा पायदान हासिल करने में सफल रही। कंगारू टीम से मिली हार के बाद टीम में आए बदलाव को लेकर मनप्रीत ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद सभी खिलाड़ी काफी मायूस थे। लेकिन जब हमने वीडियो एनेलिसिस किया तो महसूस किया कि हम ज्यादा बुरा नहीं खेले हैं। इसके बाद हमने अगले मैंचों पर फोकस करना शुरु किया। उस वक्त काफी कुछ हमारे हाथ में था। टूर्नामेंट खत्म नहीं हुआ था। यही था कि अगर हम अगले तीन मैच जीत जाते हैं, तो ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहेंगे।"
भारतीय हॉकी टीम के आगे के लक्ष्य के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कप्तान ने कहा, "ब्रॉन्ज मेडल समारोह के बाद टीम शिविर में फिर से इकट्ठा होगी और उन फील्ड पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां हम सुधार कर सकते हैं। हम यहीं नहीं रुकेंगे। हमारा लक्ष्य लगातार बेहतर करना और देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतना है।"