भरतनाट्यम डांसर से कैसे नौकाचालक बन ओलंपिक तक आ पहुंची नेत्रा कुमानन, खुद बताई कहानी
चेन्नई की 23 साल की नेत्र ने ओमान में ही एशियाई क्वालीफायर की ‘लेजर रेडियल’ स्पर्धा में शीर्ष स्थान पर रहकर ओलंपिक टिकट हासिल किया।
चेन्नई| नेत्रा कुमानन ने 12 साल की उम्र तक टेनिस, साइकिलिंग, बास्केटबॉल के साथ भारतनाट्यम में भी हाथ आजमा लिया था लेकिन नौकायन से जुड़ने के बाद उन्हें जिंदगी का असली मकसद मिला हुआ, जिसे उन्होंने ओलंपिक टिकट हासिल करने वाली पहली भारतीय नौकाचालक बन कर सार्थक किया।
चेन्नई की 23 साल की इस खिलाड़ी ने ओमान से पीटीआई-भाषा से खास बातचीत की। उन्होंने ओमान में ही एशियाई क्वालीफायर की ‘लेजर रेडियल’ स्पर्धा में शीर्ष स्थान पर रहकर ओलंपिक टिकट हासिल किया। उन्होंने 2014 और 2018 एशियाई खेलों में भाग लेने के बाद पिछले साल विश्व कप में कांस्य पदक जीतकर अपनी पहचान बनायी थी।
नेत्रा ने कहा, ‘‘मैंने टेनिस, बास्केटबॉल, साइकिलिंग, कला (आर्ट) मे हाथ आजमाया था और मैंने भरतनाट्यम में भी प्रशिक्षण लिया लेकिन नौकायन के लिए मुझे यह सब छोड़ना पड़ा। मेरी मां मुझे हर साल समर कैंप में रखती थी।’’
नेत्रा ने कहा कि वह डेढ़ साल से घर से दूर है और इसके लिए (ओलंपिक टिकट) कड़ी मेहनत कर रही थी जिसका फायदा हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लंबे समय से घर से दूर हू और पिछले 18 महीनों से इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। यह अच्छा है कि मुझे इसका फल मिला और जिस चीज के लिए आयी थी उसमें मैं सफल रही।’’
नेत्रा हंगरी कोच टमस एस्जेस की देख रेख में अभ्यास कर रही है। हंगरी के टमस खुद भी दो बार ओलंपिक में भाग ले चुके है। नेत्रा ने बताया कि वह कोच के मार्गदर्शन में रेस से जुड़े तनाव से निपटने के तरीके सीख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों एक दूसरे के साथ एक साल से अधिक समय से काम कर रहे है। हमने रेसिंग के तनाव से निपटने के बारे में सीखने के साथ पूर्णकालिक एथलीट बनने के लिए जरूरी सब कुछ पर काम किया है।’’
एसआरएम कॉलेज की इंजीनियरिंग की छात्रा कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान स्पेन मे फंस गयी थी लेकिन उन्होंने अंतरराष्ट्रीय तैराकों के साथ समय बिताकर इसका अच्छा उपयोग किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण मैं स्पेन में फंस गयी थी। लॉकडाउन के हटने के बाद मैंने ग्रैन कैनरिया में अंतरराष्ट्रीय एथलीटों के साथ अभ्यास कर समय का सही इस्तेमाल किया।"
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ओलंपिक के लिए क्वालीफिकेशन हासिल कर चुकी इस नौकाचालक ने कहा पेरिस ओलंपिक 2024 में दमदार चुनौती पेश करने की कदम में तोक्यो ओलंपिक उनके लिए पहला कदम होगा।
नेत्रा ने कहा, ‘‘यह मेरा पहला ओलंपिक हैं, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी। यह 2024 में पेरिस में शीर्ष खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की ओर मेरा पहला कदम है।’’
नेत्रा ने कहा कि उनके माता-पिता से उन्हें पूरा समर्थन मिला। खास कर सॉफ्टवेयर कंपनी चलाने वाले उनके पिता ने हर समय उनका साथ दिया उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज जो भी हूं वह मेरी माता-पिता के कारण हूं, वे भावनात्मक और आर्थिक रूप से मेरा समर्थन करते हैं। इसके लिए आभार प्रकट करना बहुत छोटी चीज है। मेरे पिता ने हमेशा मेरा समर्थन किया है, जो कि बहुत अच्छी बात है।’’