दुबई। छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) को रविवार को यहां एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के महिला 51 किग्रा फाइनल में कजाखस्तान की नाजिम किजाइबे से हार के साथ ही रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मैरीकॉम को इस करीबी मुकाबले में 2-3 के खंडित फैसले से हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने हालांकि टूर्नामेंट का अपना सातवां पदक हासिल किया
इस दिग्गज खिलाड़ी ने एशियाई चैम्पियनशिप में अपना पहला पदक 2003 में जीता था। अपने से 11 साल कम उम्र की खिलाड़ी के खिलाफ 38 साल की भारतीय मुक्केबाज ने शानदार शुरूआत करते हुए पहले दौर में जवाबी हमले अच्छी शुरूआत की। कजाखस्तान की मुक्केबाज ने हालांकि दूसरे दौर में दमदार खेल दिखाया और मैरीकॉम के जबड़े पर सटीक मुक्का लगाने में सफल रही। आखिरी तीन मिनट में मैरीकॉम ने वापसी की लेकिन वह जजों को प्रभावित नहीं कर सकी।
मणिपुर की इस खिलाड़ी को पुरस्कार राशि के तौर पर 5000 डॉलर (लगभग 3.6 लाख रुपये) और किजाइबे को 10,000 (लगभग 7.2 लाख रुपये) मिले। सोमवार को गत चैम्पियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) पुरूषों के स्वर्ण पदक मुकाबले खेलेंगे। पंघल फाइनल में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ जबकि असम के मुक्केबाज थापा को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग से चुनौती मिलेगी।
दूसरे वरीय संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे। आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक के साथ पुरस्कार के तौर पर 2,500 डॉलर हासिल किये है।