टेबल टेनिस संघ के दावे को मनिका बत्रा ने किया खारिज, दिया यह बड़ा बयान
मनिका ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय कोच रॉय ने मार्च में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान उनसे एक मैच हारने के लिए कहा था।
अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने रविवार को भारतीय टेबल टेनिस संघ (टीटीएफआई) के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें राष्ट्रीय महासंघ ने कहा था कि इस खिलाड़ी ने राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय के खिलाफ मार्च में कथित मैच फिक्सिंग की जानकारी नहीं दी थी।
मनिका ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय कोच रॉय ने मार्च में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान उनसे एक मैच हारने के लिए कहा था। भारतीय टेबल टेनिस संघ के सचिव अरुण बनर्जी ने रॉय के खिलाफ मनिका के आरोपों के समय पर सवाल उठाया है।
यह भी पढ़ें- ENG v IND : राहुल को अंपायर के फैसले का विरोध करना पड़ा महंगा, लगा जुर्माना
टीटीएफआई के कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए मनिका ने इस बात का पुरजोर खंडन किया कि रॉय की मदद लेने से इनकार करके उन्होंने खेल की साख को नुकसान पहुंचाया है। मनिका ने आरोप लगाया कि रॉय ने उन्हें मार्च में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान एक मैच गंवाने के लिये कहा था और इसी वजह से टोक्यो ओलंपिक में एकल स्पर्धा में उन्होंने रॉय की मदद लेने से इनकार कर दिया था।
मनिका ने रविवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैं केवल यह कहना चाहती हूं कि टीटीएफआई के नोटिस और पत्र के लिखित उत्तर में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मैंने इस मामले के बारे में उन्हें बहुत पहले (मार्च में) सूचना दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि अब मेरे द्वारा पांच महीने तक इसकी जानकारी नहीं देने का झूठा दावा क्यों किया जा रहा है। नोटिस का मेरा जवाब स्पष्ट रूप से मेरी त्वरित सूचना साझा करने की पुष्टि करता है।’’
यह भी पढ़ें- ENG v IND : शतक जड़ने के बाद रोहित को मिल रही क्रिकेट जगत से जमकर तारीफ
उन्होंने कहा, ‘‘ अपनी तरफ से, मैंने उसे नहीं मानने का फैसला नहीं किया और तुरंत इस मामले की सूचना टीटीएफआई के एक अधिकारी को दी। मैंने राष्ट्रीय कोच के अनैतिक आदेश का पालन नहीं करने का फैसला किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझ पर मैच के दौरान ‘कोच की खाली कुर्सी देखकर देश का अपमान करने’ का झूठा आरोप लगाया गया है।’’ उनके इस महीने के अंत में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप से पहले सोनीपत में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में भाग लेने की भी संभावना नहीं है।
टीटीएफआई ने साफ कर दिया है कि शिविर में गैरमौजूदगी वाले किसी भी खिलाड़ी के नाम पर राष्ट्रीय चयन के लिए विचार नहीं किया जाएगा।