जेनेवा| खेल पंचाट ने मैनचेस्टर सिटी पर चैंपियन्स लीग में भाग लेने पर लगाये गये दो साल के प्रतिबंध को सोमवार को हटा दिया। खेल पंचाट ने यूरोपीय फुटबॉल की संचालन संस्था यूएफा के प्रतिबंध के खिलाफ टीम की अपील को बरकरार रखा लेकिन जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने में विफल रहने पर उस पर 10 मिलियन यूरो (85 करोड़ रूपये से ज्यादा) का जुर्माना लगाया। तीन न्यायाधीशों के पैनल ने कोच पेप गार्डियोला की टीम को अगले सत्र में चैंपियंस लीग के ग्रुप चरण में खेलने की अनुमति दे दी है।
इस फैसले से मौजूदा सत्र की प्रतियोगिता में सिटी का स्थान प्रभावित नहीं होगा। टूर्नामेंट अगले महीने शुरू होगा। सिटी के हक में फैसला जाने से वह अगले सत्र में यूएफा पुरस्कार राशि में दस लाख डॉलर (लगभग 75 करोड़ रूपये) का हकदार होगा। यूएफा ने क्लब के वित्तीय मामलों से जुड़े निगरानी के नियमों में ‘गंभीर उल्लंघनों’ का आरोप लगाते हुए फरवरी में मैनचेस्टर सिटी को प्रतिबंधित किया था।
क्लब पर जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने में विफल रहने का भी आरोप है। आरोप है कि अबूधाबी के शाही परिवार के स्वामित्व वाली सिटी की टीम ने वित्तीय नियमों को लेकर कई वर्षों तक यूएफा को गुमराह किया, जिसे ‘फाइनेंशियल फेयर प्ले’ के रूप में जाना जाता है। यह यूरोपीय क्लब प्रतियोगिताओं में प्रवेश करने के लिए जरूरी है।
मैनचेस्टर सिटी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उसके पास ‘पुख्ता सबूत’ है कि उस पर लगाये गये आरोप सही नहीं हैं। मैनचेस्टर सिटी क्लब अभी इंग्लिश प्रीमियर लीग में दूसरे स्थान पर चल रहा है। ईपीएल में शीर्ष चार में रहने वाली टीमें चैंपियन्स लीग में जगह बनाती हैं।