नई दिल्ली: मार्शल आर्ट्स से मुक्केबाज बनी लवलीना बोरगोहेन अपनी पहली विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करना चाहती हैं जिससे उन्हें इस टूर्नामेंट के बाद होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर में मदद मिलेगी। लवलीना ने 69 किग्रा वेल्टरवेट स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचकर कम से कम ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया है और अब उनकी नजरें इसी तरह के शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए गोल्ड मेडल जीतने पर लगी है।
वह गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल नहीं कर सकीं थी लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी ‘स्ट्रेंथ कंडिशनिंग’ पर ध्यान लगाया जिससे उन्हें काफी मदद मिली। उनका वजन वर्ग ओलंपिक में शामिल है तो विश्व चैम्पियनशिप के बाद उनका ध्यान ओलंपिक क्वालीफायर पर लग जायेगा। इस 21 साल की मुक्केबाज ने प्रेस कांफ्रेंस में अपने मुक्केबाज बनने के बारे में बात करते हुए कहा,‘‘यहां पर आयी मुक्केबाज हर दौर में मजबूत प्रतिद्वंद्वी रही हैं। मैं पहले दौर में जिससे खेली थी, वह भी रियो ओलंपिक में 75 किग्रा में भाग ले चुकी है और विश्व चैम्पियन थी। अगर ओलंपिक क्वालीफायर से ओलंपिक में जगह बनानी है तो सबको हराकर गोल्ड मेडल लेना होगा। ओलंपिक के लिहाज से यह विश्व चैम्पियनशिप काफी अहम है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मार्शल आर्ट्स खेलती थी, स्कूल में मुझे मुक्केबाजी में चुना गया। इसके बाद 2012 में मैंने नेशनल टूर्नामेंट में भाग लिया और गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद से मेरा मुक्केबाजी सफर शुरू हुआ।’’