लंदन। योरी टिलेमेंस के गोल की बदौलत लीसेस्टर ने शनिवार को यहां फाइनल में चेल्सी को 1-0 से हराकर पहली बार एफए कप फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब जीता। टिलेमेंस ने मैच का एकमात्र गोल 63वें मिनट में किया। लीसेस्टर के 137 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब टीम एफए कप खिताब जीतने में सफल रही है।
लीसेस्टर की यह खिताबी जीत उसके लिए इसलिए भी सुखद रही क्योंकि टीम ने यह खिताब अपने घरेलू दर्शकों के सामने वेम्बले स्टेडियम में जीता। वेम्बले स्टेडियम में इस दौरान 20 हजार से अधिक दर्शक मौजूद थे जो कोरोना वायरस के लिए नेगेटिव पाए गए थे। चेल्सी ने 89वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया था लेकिन यह आफ साइड हो गया।
लीसेस्टर के पूर्व खिलाड़ी बेन चिलवेल का क्रॉस मेजबान क्लब के कप्तान वेस मोर्गन से टकराकर गोल में चला गया लेकिन वीडियो सहायक रैफरी (वीएआर) की सहायता लेने पर यह गोल आफ साइड करार दिया गया और इसे नकार दिया गया। विश्व फुटबॉल की सबसे पुरानी प्रतियोगिता के 140वें फाइनल में खेलकर लीसेस्टर की टीम अंतत: इस ट्रॉफी पर अपना नाम लिखवाने में सफल रही। टीम इससे पहले चार बार फाइनल में हार चुकी है जिसमें पहली बार टीम को 1949 में ओल्ड वेम्बले स्टेडियम में शिकस्त झेलनी पड़ी थी।