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Hindi News खेल अन्य खेल टोक्यो ओलंपिक में मेडल से हुई भारतीय हॉकी की नई शुरुआत : दिलप्रीत सिंह

टोक्यो ओलंपिक में मेडल से हुई भारतीय हॉकी की नई शुरुआत : दिलप्रीत सिंह

दिलप्रीत सिंह ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद भारतीय हॉकी टीम ने अपना मनोबल ऊंचा रखा और तोक्यो ओलंपिक में एतिहासिक कांस्य पदक नए युग की शुरुआत है।

<p>टोक्यो ओलंपिक में...- India TV Hindi Image Source : HOCKEY INDIA टोक्यो ओलंपिक में मेडल से हुई भारतीय हॉकी की नई शुरुआत : दिलप्रीत सिंह

नई दिल्ली। युवा स्ट्राइकर दिलप्रीत सिंह ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद भारतीय हॉकी टीम ने अपना मनोबल ऊंचा रखा और तोक्यो ओलंपिक में एतिहासिक कांस्य पदक नए युग की शुरुआत है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले महीने तोक्यो खेलों में कांस्य पदक के साथ ओलंपिक पदक के 41 साल के इंतजार को खत्म किया।

दिलप्रीत ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हमने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए इतनी कड़ी मेहनत की। हमने महामारी के कारण किसी मुश्किल को अपने मनोबल को प्रभावित नहीं करने दिया। सीनियर खिलाड़ियों ने लगातार हमारी हौसलाअफजाई की और हमें महसूस कराया कि हम यह कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सचमुच में मानना है कि यह नई शुरुआत है। हम सभी और अधिक हासिल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि लोग हमें और अधिक प्यार दें और हमारा समर्थन जारी रखें।’’

दिलप्रीत ने कहा, ‘‘और इसके लिए हमें लगता है कि हमें बड़े टूर्नामेंटों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। हम इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हैं।’’ भारतीय टीम के साथ 21 साल के दिलप्रीत ने अब तक शनदार प्रदर्शन किया है। वर्ष 2017 में जूनियर टीम के साथ सुल्तान आफ जोहोर कप में कांस्य पदक के दौरान अच्छे प्रदर्शन के बाद से दिलप्रीत के करियर ने नई बुलंदियों को छुआ है। उन्हें सीनियर शिविर के लिए बुलाया गया और 2018 से वह लगभग सभी बड़े टूर्नामेंट में भारतीय टीम का हिस्सा रहे जिसमें राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल के अलावा ओडिशा के भुवनेश्वर में विश्व कप भी शामिल है।

दिलप्रीत ने कहा, ‘‘इस शानदार समूह का हिस्सा बनकर मैं भाग्यशाली महसूस करता हूं और हां, मेरा मानना है कि मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत इतनी अच्छी रही।’’ पंजाब के इस युवा फारवर्ड ने कहा कि 2018 एफआईएच पुरुष विश्व कप में भारत के क्वार्टर फाइनल में बाहर होने के बाद जब उन्हें टीम से बाहर किया गया तो उन्हें जो समर्थन मिला वह उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा।