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Hindi News खेल अन्य खेल भारतीय खेलों को दुनिया भर में स्थापति करने का सुनहरा समय : राज्यवर्धन सिंह राठौर

भारतीय खेलों को दुनिया भर में स्थापति करने का सुनहरा समय : राज्यवर्धन सिंह राठौर

राठौर ने कहा कि कबड्डी, खो-खो, मलखम्भ जैसे खेलों में शारीरिक दक्षता के साथ-साथ मानसिक दक्षता की भी परीक्षा होती है और सबसे अहम बात यह है कि इन खेलों को शुरू करने या फिर खेलने के लिए महंगे उपकरणों की जरूरत नहीं।

It is good time to showcase all indian sports in international level Rajywardhan Singh Rathore- India TV Hindi Image Source : PTI IMAGE It is good time to showcase all indian sports in international level Rajywardhan Singh Rathore

नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने मंगलवार को कहा जब भारत तेजी से एक वैश्विक ताकत के रूप में उभर रहा है। जिसके चलते भारत में जन्मे खेलों को दुनिया भर में स्थापित करने का यह सही समय है।

अल्टीमेट खो-खो (लीग) के लांच के अवसर पर वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों को सम्बोधित कर रहे राठौर ने कहा कि भारत में जन्मे खेलों में शरीर और मन को तंदुरूस्त रखने के सभी गुण हैं। ये खेल जीवन की आपा-धापी और विकास की दौड़ में कहीं खो गए थे लेकिन अब जबकि भारत खुद एक वैश्विक ताकत के तौर पर उभर चुका है, जिसके बाद हमें भारत में जन्में खेलों को दुनिया भर में स्थापित किया जाना चाहिए।

राठौर ने कहा, "अल्टीमेट खो-खो सही समय पर लिया गया एक सही फैसला है। हमने दुनिया भर में कबड्डी का जलवा देखा है। यह एक वैश्विक खेल बन चुका है। वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत बढ़ी है और ऐसे में अब समय आ गया है कि हम भारत में जन्मे खेलों को दुनिया भर में प्रचारित और प्रसारित करें और अल्टीमेट खो-खो इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।"

राठौर ने आगे कहा कि कबड्डी, खो-खो, मलखम्भ जैसे खेलों में शारीरिक दक्षता के साथ-साथ मानसिक दक्षता की भी परीक्षा होती है और सबसे अहम बात यह है कि इन खेलों को शुरू करने या फिर खेलने के लिए महंगे उपकरणों की जरूरत नहीं। 

बकौल राठौर, "अल्टीमेट खो-खो से पहले प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत हुई है और इसके माध्यम से यह खेल दुनिया भर में देखा और खेला जा रहा है। इसी तरह मलखम्भ एक ऐसा भारतीय खेल है, जिसे आगे ले जाना जरूरी है क्योंकि यह शारीरिक दक्षता की पराकाष्ठा को परिलक्षित करता है। खेल मंत्रालय ने खो-खो को हाल ही में सम्पन्न दूसरे खेलो इंडिया गेम्स में शामिल किया क्योंकि यह खेल भारत के हर एक स्कूल में खेला जाता है और मुझे यकीन है कि अल्टीमेट खो-खो के कारण यह भारत के शहरी समाज के साथ-साथ दुनिया भर में लोकप्रिय होगा।"

भारतीय खो-खो महासंघ ने डाबर इंडिया के साथ मिलकर अल्टीमेट खो-खो (लीग) की शुरुआत की है। इस लीग का पहला संस्करण आठ टीमों के बीच खेला जाएगा। दुनिया भर के 20 देशो में खो-खो खेला जाता है और इन देशों से खिलाड़ियों को लेकर पहले संस्करण का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। इन देशों में इंग्लैंड, दक्षिण कोरिया, ईरान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका प्रमुख हैं।