मुंबई। इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) की टीम लिसेस्टर सिटी के पूर्व स्ट्राइकर इयान ह्यूम का मानना है कि फुटबाल में करियर बनाने के लिए इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) युवाओं की मदद कर रही है। 2016 में एटीके एफसी के साथ आईएसएल का खिताब जीतने वाले ह्यूम का मानना है कि यह एक दशक पहले देश में खिलाड़ियों की एक लंबी छलांग है और भारत की प्रमुख लीग में मौद्रिक प्रवाह से वैश्विक फुटबॉल को लाभ पहुंचाने वाला है।
ह्यूम ने स्पोटर्सक्रीड़ा के साथ फेसबुक लाइव के दौरान कहा, "लोग कहते हैं कि यूरोप की टॉप लीग केवल पैसे वाली हैं, लेकिन ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि वे दुनिया की सबसे अच्छी लीग हैं। अगर वे अच्छी लीग नहीं होती तो कोई भी निवेश नहीं करता।"
उन्होंने कहा, "यही बात आईएसएल के लिए भी है। फुटबाल में अपना करियर बनाने के लिए आपको आने वाले अवसरों को भुनाना होगा। यदि आपको एक बड़ा अनुबंध देता है तो आपको इसे लेना होगा। मैंने इसे विशेष रूप से भारत में देखा है। यह बहुत सारे युवा भारतीय खिलाड़ियों को करियर बनाने का मौका दे रहा है।"
ह्यूम ने कहा, "भारतीय खिलाड़ियों के पास कभी वह मौका नहीं था। यहां तक कि पहले या दूसरे आईएसएल में भी, खिलाड़ी बस आईएसएल खत्म कर रहे थे। या वे कार्यालय या नौकरी की तरह इसे ले रहे थे। अब, उन्हें सीजन में छह से आठ महीने तक फुटबाल खेलने का अवसर मिल रहा है। कार्यालय जाने के बजाय अब वे अकादमी में कोचिंग कर सकते हैं, उनके लिए वहां मौका है।"
ह्यूम आईएसएल में केरला ब्लास्टर्स, एटीके और एफसी पुणे सिटी के लिए खेल चुके हैं। उन्होंने 69 आईएसएल मैचों में 28 गोल किए है। 36 वर्षीय ह्यूम ने साथ ही कहा कि आईएसएल आर्थिक और संरचनात्मक, दोनों तरह से आगे बढ़ रहा है जो भारतीय फुटबॉल के लिए अच्छी बात है।