भारत में पेशेवर फुटबॉल के सबसे प्रतिष्ठित आयोजन-हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के छठे सीजन का गोल्डन बूट अवार्ड किसे मिलेगा, इसका फैसला 14 मार्च को हो जाएगा। फिलहाल इस अवार्ड की दौड़ में एटीके के फिजियन स्ट्राइकर रॉय कृष्णा सबसे आगे दिख रहे हैं।
गोवा के फातोर्दा के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 14 मार्च को इस सीजन का फाइनल खेला जाएगा। फाइनल में दो-दो बार यह खिताब जीतने वाली एटीके एफसी और चेन्नइयन एफसी की भिडंत होने वाली है। रॉय एटीके के लिए खेलते हैं।
32 साल के रॉय के नाम 20 मैचों में 15 गोल हैं। साथ ही उनके नाम पांच एसिस्ट भी हैं। पूरे सीजन में रॉय ने शानदार निरंतरता दिखाई है। पहली बार इस लीग में खेल रहे इस खिलाड़ी ने न सिर्फ खुद को गोल्डन बूट अवार्ड की दौड़ में शामिल किया बल्कि अपनी टीम को फाइनल तक भी पहुंचाया।
गोल्डन बूट अवॉर्ड के लिए सिर्फ गोलों की संख्या ही नहीं देखी जाती। इसके लिए यह भी देखा जाता है कि मैदान पर खिलाड़ी का व्यवहार कैसा रहा है और इस लिहाज से रॉय इस पुरस्कार के लिए सबसे काबिल उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं।
रॉय को 20 मैचों में सिर्फ एक बार पीला कार्ड मिला जबकि 16 मैचों में 15 गोल करने वाले केरला ब्लास्टर्स के कप्तान बार्थोलोमेव ओग्बेचे को तीन मौकों पर पीला कार्ड मिला। यही नहीं, उनके नाम सिर्फ एक एसिस्ट रहा। इस मामले में रॉय ओग्बेचे से आगे हैं। ओग्बेचे की टीम भी लीग से बाहर हो चुकी है।
गोवा के स्ट्राइकर फेरान कोरोमिनास के नाम 17 मैचों में 14 गोल और चार एसिस्ट हैं। कोरो को भी सिर्फ एक बार पीला कार्ड मिला है लेकिन उनकी टीम खिताब की दौ ड़ से बाहर हो चुकी है और इसी के साथ फेरान की दावेदारी भी खत्म हो चुकी है।
रॉय को गोल्डन बूट अवार्ड के लिए चुनौती देते नजर आ रहे खिलाड़ियों में चेन्नइयन एफसी के लिथुआनियाई फारवर्ड नेरीजुस वाल्सकिस का नाम प्रमुख है। वाल्सकिस ने 19 मैचों में 14 गोल किए हैं और उनके नाम रॉय से अधिक छह एसिस्ट हैं। हां, पीले कार्ड के मामले में वह रॉय से पिछड़ते नजर आ रहे हैं। वाल्सकिस के नाम तीन पीले कार्ड हैं।
32 साल के वाल्सकिस की टीम फाइनल में एटीके से भिड़ेगी और इस लिहाज से इस खिलाड़ी के पास दो गोल करते हुए रॉय से आगे निकलने और गोल्डन बूट अवार्ड हासिल करने का शानदार मौका है।