भुवनेश्वर। भारतीय पुरुष हाकी टीम के कोच ग्राहम रीड ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में पदक का सपना पूरा करने के लिए स्ट्राइकरों के पास मौकों को भुनाने के कौशल के साथ रक्षापंक्ति मजबूत होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के रीड 1992 बार्सीलोना ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली टीम के खिलाड़ी रहे है। उनके कोच रहते हुए हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम 2016 रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी। रीड भारतीय टीम के साथ बतौर कोच ओलंपिक पदक जीतने का सपना पूरा करना चाहते है।
उन्होंने शनिवार को मैच के बाद कहा, ‘‘जाहिर है, मेरा सपना पूरा नहीं हुआ है। आप हमेशा ओलंपिक में शीर्ष में रहने का सपना देखते है। मैं भाग्यशाली था कि खिलाड़ी के तौर पर एक पदक जीत सका। यह ऐसी यादें है जो हमेशा आपके साथ रहेगी।’’
ओलंपिक में आठ बार के चैंपियन भारत ने दो चरण वाले एफआईएच पुरुष क्वालीफायर्स के दूसरे मैच में शनिवार को यहां रूस को 7-1 (दो मैचों का कुल योग 11-3) से हराकर अगले साल तोक्यो में होने वाले खेलों के लिये क्वालीफाई किया।
भारतीय कोच ने कहा, ‘‘ हमें इस टीम से ऐसी ही प्रदर्शन की उम्मीद है और इससे ओलंपिक अभियान में काफी मदद मिलेगा।’’ कोच (55) ने कहा, ‘‘मैंने खिलाड़ियों को अभी कहा है कि आपके पास नौ महीने (ओलंपिक से पहले) का समय है। हमें अपने खेल में लगातार सुधार करना होगा, यही हमारी योजना है। हमारा ध्यान प्रक्रिया पर है, परिणाम खुद ही आयेगा।’’
रीड ने कहा कि खिलाड़ी आने वाले महीनों में अपने खेल में और सुधार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मौकों को गोल में बदलने के मामले में और सुधार करना होगा। हम काफी मौके बनाते हैं, जो अच्छी बात है। लेकिन उन मौकों को गोल में बदलना होगा।’’ रीड ने कहा, ‘‘टीम की रक्षापंक्ति को भी मजबूत बनाने की जरूरत है क्योंकि हम विरोधी टीमों को जरुरत से ज्यादा मौके दे रहे हैं।’’