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साल 2019 में भारतीय हॉकी ने जगाई उम्मीद की नई किरण, ओलंपिक के लिए किया क्वालीफाई

भारतीय टीमों ने 2019 में अधिकतर मौकों का पूरा फायदा उठाया और इनमें से सबसे बड़ा था टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिये अपना टिकट पक्का करना। 

Indian Hockey Team- India TV Hindi Image Source : @THEHOCKEYINDIA/TWITTER Indian Hockey Team

नई दिल्ली| भारतीय हॉकी के लिए अगर 2018 मौके चूकने के कारण निराशा से जुड़ा रहा तो वर्ष 2019 इस खेल में उम्मीद की नयी किरण लेकर आया जिसमें पुरुष और महिला दोनों टीमों ने अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई किया।
भारतीय टीमों ने 2019 में अधिकतर मौकों का पूरा फायदा उठाया और इनमें से सबसे बड़ा था टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिये अपना टिकट पक्का करना। 

भारतीयों टीमों ने हालांकि वर्ष 2019 में अधिकतर द्विपक्षीय श्रृंखलाओं और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस बीच अप्रैल में ग्राहम रीड ने भारतीय सीनियर पुरुष टीम का जिम्मा संभाला और जूनियर टीम के कुछ खिलाड़ियों ने सीनियर टीम में जगह बनाई। 

ऑस्ट्रेलिया, विश्व चैंपियन बेल्जियम, नीदरलैंड, जर्मनी और अर्जेंटीना जैसी शीर्ष टीमें जहां एफआईएच प्रो लीग के पहले सत्र में खेलने में व्यस्त रही वहीं भारतीय टीम अधिकतर कम रैंकिंग वाली टीमों से खेली। पुरुष टीम ने इस साल की शुरुआत जून में भुवनेश्वर में एफआईएच सीरीज फाइनल्स से की जहां मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 5-1 से हराकर एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स में जगह बनायी। 

ओलंपिक क्वालीफायर्स से पहले भारतीय पुरुष टीम ने अगस्त में टोक्यो ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें मेजबान जापान, मलेशिया और न्यूजीलैंड की टीमें खेली थीं। भारतीय टीम ने फाइनल में न्यूजीलैंड को 5-0 से करारी शिकस्त देकर खिताब जीता था। इसके बाद भारतीय टीम यूरोप दौरे पर गयी जहां उसने विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ तीन और स्पेन के खिलाफ दो मैच खेले। 

मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम ने बेल्जियम को 2-0, 2-1 और 5-1 से तथा स्पेन को 6-1 और 5-1 से हराया। लेकिन उनकी सबसे बड़ी सफलता ओलंपिक क्वालीफायर्स में रहीं जहां उसने रूस को 11-3 के कुल स्कोर से हराकर ओलंपिक के लिये टिकट पक्का किया। रैंकिंग में भारतीय पुरुष टीम इस साल पांचवें स्थान पर बनी रही। 

भारतीय महिला टीम ने भी काबिलेतारीफ प्रदर्शन किया। रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम भी साल भर रैंकिंग में नौवें स्थान पर बनी रही। उसकी दो खिलाड़ियों शर्मिला देवी और लालरेमसियामी को एफआईएच के वर्ष के उदीयमान खिलाड़ी के लिये नामित किया गया। 

इस वर्ष मुख्य कोच सोर्ड मारिन को पूरे सत्र में महिला टीम के साथ काम करने और सही संयोजन तैयार करने का भी मौका मिला। महिला टीम ने मलेशिया और कोरिया दौरे से शुरुआत की जहां उसने अपनी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर जून में एफआईएच सीरीज फाइनल्स के लिये जरूरी आत्मविश्वास हासिल किया।

भारत ने हिरोशिमा में एफआईएच सीरीज फाइनल्स में उरूग्वे, पोलैंड, फिजी, चिली और मेजबान जापान को हराकर एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिये क्वालीफाई किया। इसके बाद ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता में उसने विश्व में नंबर दो आस्ट्रेलिया को बराबरी पर रोका तथा चीन और जापान को हराकर खिताब जीता। 

भारतीय महिला टीम ने ओलंपिक क्वालीफायर्स में भी अपना अच्छा फार्म जारी रखा और अमेरिका को 6-5 के कुल स्कोर से हराकर तीसरी बार ओलंपिक में जगह बनायी। सीनियर टीमों की तरह जूनियर टीमों ने भी किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया और वह अधिकतर आमंत्रण टूर्नामेंटों में ही खेलीं।