बेंगलुरू| प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित की गई भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा है कि उन्हें लगता है कि देश में महिला हॉकी को भी पुरुषों के समान महत्व मिल रहा है। रानी को शनिवार को वर्चुअल पुरस्कार सम्मान समारोह में प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रानी इस पुरस्कार को पाने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बन गई हैं। साथ ही वह धनराज पिल्लई और सरदार सिंह के बाद तीसरे हॉकी खिलाड़ी हैं, जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया है।
रानी ने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा, " पिछले एक सप्ताह से, मेरे नाम की आधिकारिक तौर पर खेल रत्न पुरस्कार के लिए घोषणा किए जाने के बाद से मैं अब तक की अपनी यात्रा को फिर से याद कर रही हूं। और इसने मुझे ऐसा अहसास दिलाया है कि महिला हॉकी को अब पुरुष हॉकी के समान ही महत्व दिया जा रहा है। साथ ही अब महिला खिलाड़ियों को भी सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है, जो वास्तव में यह दिखाता है कि यह खेल सही दिशा में आगे बढ़ रही है।"
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उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी में पिछले एक दशक में काफी बदलाव आया है। कप्तान ने कहा, " जब से मैंने शुरू किया है, तब से लेकर अब तक महिला हॉकी में काफी अच्छा बदलाव आया है। जब मैंने खेलना शुरू किया था तो महिलाओं की टीम बहुत कम टूनार्मेंट खेलती थी।"
रानी ने कहा, " हमने ज्यादातर कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों जैसे प्रमुख टूर्नामेंट खेले, लेकिन अब परि²श्य बहुत बदल गया है। हॉकी इंडिया और प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं कि हम साल भर टूर्नामेंट खेलें, जिसने हमारे प्रदर्शन में सुधार करने में काफी योगदान दिया है।"
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रानी को जहां खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया तो वहीं आकाशदीप सिंह को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। दोनों खिलाड़ी फिलहाल बेंगलुरु के साई कैम्पस में कोचिंग कैम्प में हैं।आकाशदीप ने कहा, " मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जो अब तक मेरी यात्रा का हिस्सा रहे हैं। मैं बेहद भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे अपने देश के महान खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला है। मैं हॉकी इंडिया और साई को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।"