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Hindi News खेल अन्य खेल Year Ender 2018: सुनहरे मौके गंवाने की दास्तान रहा भारतीय हॉकी के लिये ये साल

Year Ender 2018: सुनहरे मौके गंवाने की दास्तान रहा भारतीय हॉकी के लिये ये साल

चार बड़े टूर्नामेंट और चारों में भारतीय हॉकी टीम खिताब की प्रबल दावेदार लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। 

<p>भारतीय हॉकी टीम</p>- India TV Hindi भारतीय हॉकी टीम

नयी दिल्ली: चार बड़े टूर्नामेंट और चारों में भारतीय हॉकी टीम खिताब की प्रबल दावेदार लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। साल बदलते चले गए लेकिन हार पर कोच या खिलाड़ियों को बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा और साल 2018 में दुनिया की टॉप पांच टीमों में शुमार होने के बावजूद भारतीय हाकी बड़े खिताब को तरसती रही। राष्ट्रमंडल खेलों में पिछले दो बार की उपविजेता रही भारतीय हॉकी टीम इस बार खाली हाथ लौटी। वहीं एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल गंवाकर कांसे के तमगे से संतोष करना पड़ा।

सारी उम्मीदें अब साल के आखिर में अपनी सरजमीं पर हॉकी के नये गढ़ भुवनेश्वर में हुए विश्व कप पर आन टिकी लेकिन पूल चरण में पदक की उम्मीद जगाने के बाद मेजबान टीम क्वार्टर फाइनल में हार गई। चैम्पियंस ट्रॉफी में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बावजूद भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 

महिला टीम ने जरूर बेहतर प्रदर्शन के साथ एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी और एशियाई खेलों में रजत पदक जीता लेकिन कोई खिताब अपने नाम नहीं कर सकी । हार के बाद कोचों पर गाज गिरने की कहानी कोई नयी नहीं है। जोस ब्रासा से रोलेंट ओल्टमेंस तक यही कहानी दोहराई जाती रही और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक नहीं जीत पाने के बाद शोर्ड मारिन को फिर महिला टीम की बागडोर सौंप दी गई। जबकि हरेंद्र सिंह पुरूष टीम के मुख्य कोच बने। मारिन को ओल्टमेंस की बर्खास्तगी के बाद पुरूष टीम का कोच बनाया गया था और हरेंद्र महिला टीम के कोच बने थे।

 विश्व कप से ठीक पहले अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिडफील्डर सरदार सिंह को टीम से बाहर करने का फैसला भी अजीब रहा जबकि फॉरवर्ड एस वी सुनील चोट के कारण पहले ही टीम में नहीं थे। सरदार को साल के पहले हाफ में अजलान शाह कप में कप्तान बनाया गया लेकिन उसमें पदक नहीं जीत पाने के बाद उन्हें टीम से बाहर करके मनप्रीत सिंह को कमान सौंपी गई। फिर चैम्पियंस ट्रॉफी में सरदार की वापसी हुई लेकिन फिर एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में मौका नहीं दिये जाने के बाद सरदार ने विवादास्पद हालात में हॉकी को अलविदा कह दिया। 

दुनिया की पांचवें नंबर की टीम बनी भारतीय पुरूष हॉकी टीम चैम्पियंस ट्रॉफी में अर्जेंटीना को हराने के अलावा टॉप चार में से किसी टीम को बड़े टूर्नामेंट में मात नहीं दे सकी। एक बार फिर एशियाई स्तर से ऊपर जीत दर्ज नहीं कर पाने की उसकी कमजोरी जाहिर हुई। सिर्फ कोचों की नहीं खिलाड़ियों को भी बार बार अंदर बाहर किये जाने से टीम में स्थिरता की कमी नजर आई। विश्व कप चैम्पियन बेल्जियम की टीम में 19 में से 12 खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने 150 या ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले लेकिन भारतीय टीम में ऐसे महज छह खिलाड़ी थे।

साल का आगाज फरवरी में अजलान शाह कप से हुआ जिसमें मलेशिया (5 -1) पर मिली एकमात्र जीत और इंग्लैंड से ड्रॉ के बाद भारत पांचवें स्थान पर रहा। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल (2010) और मेलबर्न खेलों (2014) में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम गोल्ड कोस्ट में कोई पदक नहीं जीत सकी। उसे कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड ने हराया। 
जून में जर्मनी के ब्रेडा में चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने उसे शूटआउट में 3-1 से शिकस्त दी । भारत ने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान को 4- 0 , दुनिया की नंबर एक टीम अर्जेंटीना को 2 -1 से हराया और तीसरी रैंकिंग वाली बेल्जियम को 1-1 से ड्रॉ पर रोका। जबकि ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार गया।

जकार्ता और पालेमबांग में एशियाई खेलों में भारत खिताब बरकरार रखने में नाकाम रहा और टोक्यो ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई नहीं कर सका। लीग चरण में भारत ने इंडोनेशिया को 17-0, जापान को 8-0 से, हांगकांग को 26-0 से और श्रीलंका को 20-0 से हराकर पदक की उम्मीद जगाई। लेकिन उसे सेमीफाइनल में मलेशिया ने शूटआउट में 7-6 से हराया और टीम को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। अब ओलंपिक का टिकट कटाने के लिये उसे क्वालीफाइंग दौर से गुजरना होगा।

ओमान में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में फाइनल में बारिश के बाद भारत और पाकिस्तान को संयुक्त विजेता घोषित किया गया। 

महिला टीम राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड से 6-0 से हार गई। उसने हालांकि पूल चरण में इसी इंग्लैंड टीम को 2-1 से हराया था। एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ने रजत पदक जीता। वहीं एशियाड में इंडोनेशिया (8-0), थाईलैंड (5-0) , कजाखस्तान (21-0) और चीन (1-0) को हराने वाली भारतीय टीम फाइनल में जापान से 2-1 से हार गई। वहीं, लंदन में जुलाई अगस्त में हुए विश्व कप में भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में शूटआउट में आयरलैंड से 3 -1 से हार गई थी।