नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा है कि भारत उन कई देशों में शामिल है जो 2036, 2040 और इसके बाद होने वाले ओलंपिक की मेजबानी के इच्छुक हैं। आईओसी ने हाल में घोषणा की थी कि ब्रिसबेन 2032 ओलंपिक की मेजबानी करेगा। ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ की खबर में बाक के हवाले से कहा गया है कि पिछले महीने 2032 खेलों की मेजबानी के लिए आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन को चुने जाने के बावजूद आईओसी के पास 2036, 2040 और इसके बाद होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी के इच्छुक देशों की कतार है। खबर के अनुसार मेजबानी के इच्छुक देशों में इंडोनेशिया, भारत, जर्मनी और कतर शामिल हैं।
‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ ने बाक के हवाले से कहा, ‘‘और ये सिर्फ वे नाम हैं जो मेरे दिमाग में आ रहे हैं। इसलिए हम काफी अच्छी दीर्घकालिक स्थिति में हैं।’’
बाक की यह टिप्पणी उस समय आई है जब लाखों डॉलर के बढ़ते खर्चों के कारण खेलों के आयोजन को लेकर बहस चल रही है। हाल में संपन्न तोक्यो खेलों के दौरान भी ओलंपिक की मेजबानी के लिए खर्च की गई धनराशि को लेकर विरोध हुआ था। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने पीटीआई को पुष्टि की कि उन्होंने खेलों के महाकुंभ की मेजबानी में दिलचस्पी दिखाई है।
मेहता ने कहा, ‘‘तोक्यो ओलंपिक से पहले वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आईओए आयोग की बैठक में आईओए ने 2036 और इसके बाद होने वाले ओलंपिक की मेजबानी की इच्छा जताई थी।’’
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस साल मार्च में कहा था कि वह स्वतंत्रता के 100 बरस के मौके पर 2048 खेलों की सफल बोली के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और बुनियादी ढांचे में सुधार करेंगे। भारत ने 2032 ओलंपिक की मेजबानी की भी इच्छा जताई थी।
भारत इसके अलावा 2030 एशियाई खेलों और 2026 युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी का भी इच्छुक था। एशियाई खेल 2030 और 2034 की मेजबानी दिसंबर में क्रमश: कतर और रियाद को सौंपी गई।