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श्रीजेश की मौजूदगी ही आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये पर्याप्त : मनप्रीत सिंह

हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का मानना है कि कई अवसरों पर भारतीय टीम की जीत के नायक रहे गोलकीपर पीआर श्रीजेश की मैदान पर उपस्थिति ही खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिये पर्याप्त है।

<p>श्रीजेश की मौजूदगी...- India TV Hindi Image Source : HOCKEY INDIA श्रीजेश की मौजूदगी ही आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये पर्याप्त : मनप्रीत सिंह

बेंगलुरू। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का मानना है कि कई अवसरों पर भारतीय टीम की जीत के नायक रहे गोलकीपर पीआर श्रीजेश की मैदान पर उपस्थिति ही खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिये पर्याप्त है। भारतीय हॉकी टीम को तोक्यो ओलंपिक खेलों में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इसका एक कारण केरल के अनुभवी गोलकीपर श्रीजेश की टीम में मौजूदगी भी है।

मनप्रीत ने मीडियाकर्मियों से वर्चुअल बातचीत में कहा, ‘‘वह (श्रीजेश) हमेशा मेरा मनोबल बढ़ाते रहते हैं। उनकी मौजूदगी से मेरा और टीम का आत्मविश्वास बढ़ता है। असल में हम सभी का विश्वास है कि हमारे पास गोलकीपर के रूप में श्रीजेश है।’’ कोविड-19 के कारण भारतीय टीम को मैच खेलने का अधिक मौका नहीं मिला है लेकिन मनप्रीत का मानना है कि मुख्य टीम में पिछले कुछ वर्षों से खास बदलाव नहीं हुए हैं जिसका उसे फायदा मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘असल में पिछले तीन - चार वर्षों में हमारी टीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। स्ट्राइकर अनुभवी हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इसलिए उनका चयन किया गया। हमारी अग्रिम पंक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और गोल करेगी। ’’ मनप्रीत का यह तीसरा ओलंपिक है जबकि कई खिलाड़ी दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे और कप्तान को उम्मीद की उनकी अनुभवी टीम इसमें अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा तीसरा ओलंपिक है। जब आप ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हो तो वह बहुत बड़ा सम्मान होता है। मैं एक कप्तान के रूप में वास्तव में उत्साहित हूं। हमारे पास अनुभवी टीम है जिसमें हरमनप्रीत सिंह, बीरेंद्र लाकड़ा, रूपिंदर पाल जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। हम सभी ओलंपिक को लेकर उत्साहित हैं।’’ चोट के कारण रियो ओलंपिक में नहीं खेल पाने वाले बीरेंद्र लाकड़ा तोक्यो ओलंपिक को लेकर उत्साहित हैं। लाकड़ा ने कहा, ‘‘मैं चोट के कारण पिछले ओलंपिक में नहीं खेल पाया था। उसके बाद मैंने कड़ी मेहनत की। कोचिंग स्टाफ से लेकर साथियों तक ने मेरी मदद की। ’’