डोप टेस्ट में फेल में होने के बाद पहलवान सुमित मलिक कहा, नहीं पता उनके शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ कैसे पहुंचा
राष्ट्रमंडल खेलों (2018) के स्वर्ण पदक विजेता मलिक को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ (5-मिथाइलहैक्सन-2एमाइन) के पाए जाने के बाद अंतरिम तौर पर निलंबित कर दिया है।
निलंबित भारतीय पहलवान सुमित मलिक ने मंगलवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि प्रतिबंधित शक्तिवर्धक पदार्थ उनके शरीर में कैसे पहुंचा लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि हाल के ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान उन्होंने दर्द निवारक दवाएं ली थीं और मैट पर उतरने से पहले उन्होंने विश्व निकाय को इसके बारे में सूचित किया था।
राष्ट्रमंडल खेलों (2018) के स्वर्ण पदक विजेता मलिक को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ (5-मिथाइलहैक्सन-2एमाइन) के पाए जाने के बाद अंतरिम तौर पर निलंबित कर दिया है। मलिक ने पिछले महीने बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान तोक्यो ओलंपिक के लिए 125 किग्रा वर्ग का कोटा हासिल किया था। उसी टूर्नामेंट के दौरान हालांकि अपने डोप परीक्षण में विफल रहने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
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मलिक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मेरे घुटने में तेज दर्द हो रहा था और मैंने दर्द निवारक दवा मोबिजॉक्स और वोवेरन ली थी। मैंने इसके बारे में यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अधिकारियों को सूचित कर दिया था। मैंने पहले भी वही दर्द निवारक दवाएँ ली हैं, मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जांच में पॉजिटिव आया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ यूडब्ल्यूडब्ल्यू के लोगों ने मुझे यह भी बताया है कि पदार्थ की मात्रा एक प्रतिशत से भी कम है। यह महज 0.5 फीसदी है। उन्होंने मुझे बताया है कि तीन-चार दिनों में मुझे इस बारे में स्पष्ट जानकारी मिल जाएगी।’’
मलिक से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने इन दवाओं के सेवन के लिए किसी चिकित्सक से परामर्श लिया था तो उन्होंने कहा, ‘‘ नहीं, मैंने किसी से परामर्श नहीं लिया था। मैंने खुद ही इसका सेवन किया। मैंने इन दर्द निवारक दवाओं को पहले भी लिया है लेकिन कभी जांच में पॉजिटिव नहीं रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अब वे मुझे बता रहे हैं कि उन्हें मेरे प्री-वर्कआउट नमूने में कुछ मिला है लेकिन मुझे यह नहीं बताया गया है कि वह क्या है।’’
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मलिक ने बी नमूने के जांच के लिए हामी भर दी है और इसके लिए उन्हें 1.15 लाख रूपये खर्च करने पड़े है। उन्हें उम्मीद है कि वह इससे पाक साफ होकर निकलेंगे। रोहतक के इस 28 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ जो लोग इस मुद्दे से जुड़े हैं उन्होंने मुझे बताया कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है। मुझे उम्मीद है कि मैं इससे से बाहर निकल आउंगा और ओलिंपिक में हिस्सा ले सकूंगा।’’
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की चिकित्सक उदिति गुप्ता ने बताया कि मलिक जिन दो दवाओं का नाम ले रहे है उसमें कोई ताकत बढ़ने वाली दवा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ मोबिजॉक्स और वोवेरन में कोई शक्तिवर्धक पदार्थ नहीं है। उन्होंने कोई अन्य प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन किया होगा जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ हो।’’