नई दिल्ली। खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कहा कि वह दर्शकों की स्टेडियमों में वापसी का सही समय नहीं बता सकते जबकि सरकार ने अपने अनलॉक चार के दिशानिर्देशों में खेलों के लिये 100 लोगों तक इकट्ठा होने की अनुमति दे दी है। पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल द्वारा डिजाइन किये गये एप ‘एनजोगो’ के वर्चुअल लांच पर बोलते हुए रीजीजू ने कहा कि कोविड-19 महामारी से बने हालात ने यह कहना मुश्किल कर दिया है कि दर्शकों की स्टेडियमों में वापसी कब होगी।
भारत में अभी तक कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 39 लाख से ऊपर चली गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर (दर्शकों की स्टेडियमों में वापसी) फैसला नहीं कर पाऊंगा। मैं नहीं जानता कि अगले एक या दो महीनों में महामारी के हालात कैसे होंगे। ’’ गृह मंत्रालय ने 29 अगस्त को खेलों के लिये सीमित लोगों की संख्या को इकट्ठा होने की अनुमति दी जो 100 दर्शकों तक हो सकती है लेकिन यह 21 सितंबर से प्रभावी होगी। पहले 31 अगस्त तक इन पर पूरी तरह प्रतिबंध था। दिशानिर्देशों के अनुसार हालांकि ये सीमित दर्शक भी अनिवार्य नियमों के साथ ही मैदान में जा सकते हैं जिसमें चेहरे पर मास्क लगाना, सामाजिक दूरी का पालन करना, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोना या सैनिटाइज करना शामिल है।
रीजीजू ने कहा कि स्टेडियम में दर्शकों को अनुमति देने पर फैसला स्थानीय अधिकारियों द्वारा ही लिया जायेगा जो गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही होगा। उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों को अपने संबंधित क्षेत्रों में मौजूदा हालात के अनुसार ही फैसला करना होगा। भारत इतना विशाल देश है कि एक ही राज्य में अलग अलग क्षेत्रों में परिस्थितियां अलग अलग हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये स्थानीय अधिकारी ही फैसला करेंगे लेकिन ऐसा केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये प्रोटोकॉल के अनुसार होगा। हर किसी को प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।’’
रीजीजू ने भी स्वीकार किया कि उन्हें भारत के 2028 ओलंपिक की पदक तालिका में भारत के शीर्ष 10 में पहुंचने का अनुमान लगाने के लिये कुछ वर्गों से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि कई लोग हैरान हो रहे हैं कि ऐसा कैसे होगा, काफी लोगों ने टिप्पणियां कीं, जो अच्छी नहीं थी। लेकिन यह लोकतांत्रिक देश है, लोगों के अपने विचार होंगे ओर हमें नहीं लगता कि हमें इन टिप्पणियों का जवाब देना चाहिए।’’
खेल मंत्री ने कहा, ‘‘हमारा काम उस पर ध्यान देना है जो हम हासिल करना चाहते हैं। हमें लक्ष्य बनाने हैं, उन्हें काफी ऊंचा रखना है और ध्यान लगाना है कि हम क्या कर सकते हैं। मुझे लगता है कि 2028 में शीर्ष 10 में पहुंचने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।’’