एंटवर्प (बेल्जियम): भारत की सीनियर पुरुष हॉकी टीम हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल के सेमीफाइनल मुकाबले में शुक्रवार को मेजबान बेल्जियम की चुनौती का सामना करेगी। मेजबान को हराने के लिए भारत को अपनी रक्षापंक्ति को दुरुस्त करना होगा। साथ ही मलेशिया के खिलाफ भारत ने कई बेजां गलतियां कीं, जिनसे उसे बचना होगा। भारतीय टीम को गेंद को अधिक से अधिक समय तक अपने पास रखने की कोशिश करनी होगी। इस विभाग में उसकी निरंतरता सवालों के घेरे में रहती है।
भारतीय फारवर्ड कुल 24 मौकों पर विपक्षी टीम के डी में प्रवेश करने में सफल हुए लेकिन वे 13 मौकों पर ही गोल पर शॉट लगा सके। इनमें से अधिकांश शॉट निशाने पर नहीं लगे।
बड़ी टीमों को हराने के लिए भारत को अपने खेल में निरंतरता लानी होगी। यह निरंतरता किसी एक मैच के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि इसे अपनी आदत में शामिल करना होगा, तब जाकर भारतीय हॉकी को शीर्ष पर लाने का रास्त प्रशस्त हो सकेगा।
बहरहाल, भारतीय टीम इस वर्ष तीन बार बेल्जियम के खिलाफ मैदान में उतर चुकी है, जिसमें भारत को एक मैच में जीत मिली है जबकि दो मैचों में हार झेलनी पड़ी है। हीरो हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी में दोनों टीमें पिछली बार भिड़ी थीं, जिसमें भारतीय टीम 4-2 से जीत हासिल करने में सफल रही थी।