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हॉकी विश्व कप से पहले धनराज पिल्लै ने भारतीय टीम को दी इससे दूर रहने की सलाह

सोलह टीमों का विश्व कप 28 नवंबर से 16 दिसंबर तक यहां कलिंगा स्टेडियम पर खेला जाना है।

Dhanraj Pillay- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Dhanraj Pillay

अगले महीने होने वाले विश्व कप से पहले भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को फेसबुक, व्हॉट्सएप समेत सोशल मीडिया से किनारा करने की सलाह देते हुए महान हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै ने कहा है कि ‘पोडियम फिनिश’ के लक्ष्य पर फोकस करने के लिए ये बेहद जरूरी है। सोलह टीमों का विश्व कप 28 नवंबर से 16 दिसंबर तक यहां कलिंगा स्टेडियम पर खेला जाना है। ​भारतीय टीम को क्या सलाह देंगे, ये पूछने पर इस करिश्माई स्ट्राइकर ने कहा कि सभी खिलाड़ियों को तुरंत सोशल मीडिया से दूर हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमसे टूर्नामेंट के समय अखबार से दूर रहने को कहा जाता था क्योंकि नकारात्मक खबरों से प्रदर्शन पर असर पड़ता है। मेरे कोच जोकिम कार्वाल्हो मुझे यही सलाह देते थे। मैं इन खिलाड़ियों से भी अनुरोध करूंगा कि व्हॉट्सएप, ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया से दूर रहें। इससे ध्यान भटकता है। ये सब हॉकी खत्म होने के बाद भी कर सकते हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि टीम में आपसी तालमेल बेहतर बनाने के लिए सोशल मीडिया के बजाए खिलाड़ियों का एक दूसरे के साथ समय बिताना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में इतना सोशल मीडिया नहीं था और हम दूसरे के साथ ही समय बिताते थे। खिलाड़ियों का आपसी तालमेल गजब का था।’’ चार बार ओलंपिक (1992, 1996, 2000, 2004), चार विश्व कप (1990, 1994, 1998, 2002), चार एशियाई खेल (1990, 1994, 1998, 2002) और चार चैम्पियंस ट्रॉफी (1995, 1996, 2002, 2003) खेलने वाले दुनिया के अकेले खिलाड़ी धनराज ने ये भी कहा कि उन्हें अपने सुनहरे करियर में ओलंपिक या विश्व कप नहीं जीत पाने का मलाल खलता है। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इतने ओलंपिक और विश्व कप खेले लेकिन इसकी कोई ट्रॉफी मेरे नाम नहीं है। मुझे ये कसक हमेशा खलती है और मैं उम्मीद करता हूं कि ये टीम अपने मैदान पर मेरा सपना पूरा करेगी।’’ धनराज ने आगाह किया कि विश्व कप में राह आसान नहीं होगी क्योंकि सभी टीमें मजबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विश्व कप में आसान नहीं होगा। सभी सोलह टीमें तैयारी से आयेंगी। अच्छा खेलोगे तो ही मीडिया और दर्शक सिर पर बिठाएंगे।’’ 

धनराज ने ये भी कहा कि आज के दौर में कलात्मक हॉकी की जगह लैपटॉप हॉकी ने ले ली है जो भारतीय परिप्रेक्ष्य में कितनी कामयाब होगी, कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘अब हॉकी बहुत बदल गई है। हम कलात्मक हॉकी खेलते थे लेकिन आज के खिलाड़ियों की रफ्तार का मुकाबला नहीं कर सकते। पिछले तीन-चार साल में रफ्तार में हम अब ऑस्ट्रेलिया को टक्कर दे रहे हैं। फिटनेस का स्तर बहुत बेहतर हुआ है। हमने कौशल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी होगी लेकिन आज उस समय इतनी तेज हॉकी ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और जर्मनी ही खेलते थे। आज बेल्जियम अर्जेंटीना और भारत खेल रहे हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘अब हॉकी लैपटाप हॉकी हो गई है। नए उपकरण आ गए हैं जो ये भी बताते हैं कि कितना किलोमीटर आप खेले। हम खुद को इसके अनुरूप ढाल रहे हैं लेकिन भारत में ये कितना कामयाब होगा कह नहीं सकते।’’ अनुभवी मिडफील्डर सरदार सिंह के अचानक संन्यास को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस विश्व कप में टीम को सरदार की जरूरत थी। आपने छह हॉकी इंडिया लीग देखे होंगे और घरेलू मैदान पर उसका कोई जवाब नहीं। वो अपने हुनर में माहिर हैं। एशियाई खेलों में एक मैच में वो खराब खेला लेकिन उतार-चढ़ाव सभी के करियर में आते हैं।’’