हॉकी इंडिया की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत बेंगलुरु के भारतीय खेल प्राधिकारण (साइ) स्थित खिलाड़ी चाहे तो अपने घर जा सकते हैं लेकिन वापसी के बाद उन्हें 14 दिन पृथकवास में रहना होगा। ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके टीम के खिलाड़ियों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित वातावरण मुहैया करने के लिए हॉकी इंडिया ने एसओपी जारी की है। यह दिशानिर्देश सीनियर के साथ जूनियर राष्ट्रीय टीम को भी मानने होंगे।
इस एसओपी का मकसद, ‘‘भारतीय हॉकी टीमों के लिए एक सुरक्षित प्रशिक्षण वातावरण की स्थापना करना है, जिससे उन्हें 2021 में ओलंपिक खेलों (सीनियर टीम) और 2021 के जूनियर विश्व कप के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ तैयारी का मौका मिलेगा।’’
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दस्तावेज के मुताबिक, ‘‘ इस एसओपी में साइ परिसर को कोरोना वायरस से मुक्त रखने के लिए बाहर से आये खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बनाए रखने की सिफारिश की गयी है ।’’
सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण और हॉकी इंडिया द्वारा पारस्परिक रूप से तय किया गया है कि खिलाड़ियों और सहायक कर्मचारियों को परिसर से जाने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन इसके लिए उन्हें एसओपी के कड़े नियमों का पालन करना होगा।
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दस्तावेज में कहा गया, ‘‘ हर खिलाड़ी और सदस्य को साइ एनएसएससी परिसर को छोड़ने और घर से शिविर वापस आने का मौका मिलेगा। भारत सरकार, साइ और हॉकी इंडिया अपने संबंधित मुख्य कोचों के परामर्श से इस अवकाश की अवधि निर्धारित करेंगे।’’
इसक मुताबिक, ‘‘ साइ केंद्र में लौटने वाले प्रत्येक खिलाड़ी या सहयोगी सदस्य को दो सप्ताह के लिए सख्त पृथकवास में रखा जाएगा।’’