नई दिल्ली| भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के बेंगलुरू केंद्र में ट्रेनिंग की शुरुआत करने के लिए बनाई गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मुताबिक, खिलाड़ी अपने घर वापस जा सकते हैं और साथ ही ट्रेनिंग के दौरान बाहर के लोगों से संपर्क करने पर पाबंदी लगाई गई है। एसओपी के मुताबिक, टीम छह लोगों के ग्रुप में 40 गुणा 20 मीटर के दायरे में रहकर अभ्यास कर सकती हैं। ट्रेनिंग के दौरान आम तरह का फिजिकल कॉन्टैक्ट किया जा सकता है लेकिन हाई फाइव्स, हाथ मिलाना जैसी चीजें जो जश्न मानने के लिए की जाती हैं, उन पर पाबंदी है।
खिलाड़ियों को साथ ही अपना सामान, हैंड सेनेटाइजर, तौलिया यह सब खुद लाना होगा। हर ट्रेनिंग सेशन के बाद सभी तरह के उपकरणों को सैनेटाइज किया जाएगा। खिलाड़ियों को दूसरी टीम के साथ संपर्क करने पर भी मनाही है। भारत की पुरुष और हॉकी टीमें 25 मार्च से बेंगलुरू में हैं। हॉकी इंडिया (एचआई) ने कहा है कि खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ घर की कमी महसूस कर रहे हैं और इसलिए उन्हें घर जाने की मंजूरी दे दी गई है।
एचआई ने एसओपी में कहा, "भारतीय सरकार, साई और एचआई संबंधित प्रशिक्षकों के साथ मिलकर इस छुट्टी की समय सीमा पर विचार करेगी। मौजूद जानकारी को देखते हुए हर किसी के पास समय सीमा में बदलाव करने का विकल्प होगा। सभी समय, खिलाड़ियों और स्टाफ की सुरक्षा प्राथमिकता पर है।"
खिलाड़ियों पर घर पर रहने के दौरान बाहर के लोगों के मिलने की मंजूरी नहीं है। जरूरत पड़ने पर वह बाहर जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें पूरी सुरक्षा लेनी होगी। एक बार वो लोग कैम्प लोटेंगे तो उन्हें दो सप्ताह तक क्वारंटीन में रखा जाएगा।
एचआई ने एक बयान में कहा, "वापसी के 10 दिन पर टेस्ट करने की सुविधा है तो खिलाड़ी का टेस्ट किया जाएगा। अगर खिलाड़ी की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो वह क्वारंटीन छोड़ सकता है लेकिन अगर संक्रमित पाए जाते हैं तो वह इंसान क्वारंटीन में रहेगा और मेडिकल गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। अगर टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो हर इंसान को दो सप्ताह क्वांटीन में रहना होगा तीन सप्ताह तक हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।"