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प्रोडुनोवा से आगे हैंडस्प्रिंग 540 के जरिये राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतना चाहती है दीपा

रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन से प्रोडुनोवा की पहचान बनी भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर अब इस वोल्ट आफ डैथ से आगे हैंडस्प्रिंग 540 के जरिये राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतना चाहती है ।

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नयी दिल्ली: रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन से प्रोडुनोवा की पहचान बनी भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर अब इस वोल्ट आफ डैथ से आगे हैंडस्प्रिंग 540 के जरिये राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतना चाहती है । 

रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही त्रिपुरा की जिम्नास्ट दीपा दाहिने घुटने में चोट के कारण किसी स्पर्धा में हिस्सा नहीं ले सकीं। अप्रैल में आपरेशन के बाद वह एशियाई चैम्पियनशिप से बाहर रही। कनाडा में आगामी वि चैम्पियनशिप भी नहीं खेल सकेगी। वह आस्ट्रेलिया में अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में ही वापसी कर पाएंगी। 

कल अपना 24वां जन्मदिन मनाने वाली दीपा ने कहा कि वह नयी तकनीकें सीख रही हैं। उन्होंने कहा, मैं हैंडस्प्रिंग 540 डिग्री टर्न सीख रही है जो राष्ट्रमंडल खेलों में इस्तेंमाल करूंगी। यह हवा में घूमने की तकनीक है। यह सबसे कठिन वोल्ट है लेकिन प्रोडुनोवा जितना कठिन नहीं। 

बदलाव की वजह पूछने पर प्रोडुनोवा गर्ल ने कहा, मुझो हाल ही में एसीएल चोट लगी है और मैं दबाव नहीं लेना चाहती। मेरा लक्ष्य 2020 तोक्यो ओलंपिक है। यदि मैं हैंडस्प्रिंग 540 बखूबी कर सकी तो राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीत सकती हूं। प्रोडुनोवा तो है ही। 

दीपा दुनिया के पांच जिम्नास्ट में से है जो प्रोडुनोवा करने में कामयाब रहे हैं। ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में कांस्य पदरक जीतने वाली दीपा ने इन खबरों को खारिज किया कि लंबे समय तक स्पर्धाओं से दूर रहने का गोल्ड कोस्टमें अप्रैल में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में उनकी पदक उम्मीद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।