नई दिल्ली| चक्का फेंक एथलीट संदीप कुमारी पर वाडा (विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी) की एथलेटिक्स इंटीग्रिटी इकाई ने डोपिंग परीक्षण में विफल होने पर चार साल का प्रतिबंध लगाया है। करीब दो साल पहले राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) ने उनके नमूने को सही पाया था। एनडीटीएल प्रतिबंधित पदार्थ - स्टेराइड - का पता लगाने में विफल रही थी जो उनके नमूने में मौजूद था। यह नमूना गुवाहाटी में जून 2018 में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप के दौरान नाडा अधिकारियों ने लिया था।
कुमारी ने 58.41 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता था। वाडा ने कनाडा में मांट्रियल प्रयोगशाला में कुमारी के नमूने का परीक्षण करने का फैसला किया और नवंबर 2018 में यह एनाबोलिक स्टेराइड मेटेनोलोन का पॉजिटिव आया था। कुमारी के 26 जून 2018 से 21 नवंबर 2018 तक के नतीजों को रद्द कर दिया जायेगा। वाडा ने शुक्रवार रात को घोषणा की कि उनका चार साल का प्रतिबंध 26 जून 2018 से शुरू होगा जिस दिन उनका नमूना लिया गया था।
ये भी पढ़ें : IOA अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को अगले साल टोक्यो ओलंपिक होने की पूरी उम्मीद
सिर्फ कुमारी का ही नहीं बल्कि 2017 एशियाई चैम्पियन निर्मला श्योराण का भी नमूना एनडीटीएल की जांच में नेगेटिव आया था लेकिन मांट्रियल के परीक्षण में इसे पॉजिटिव पाया गया। जुमा खातून पर भी पिछले महीने चार साल का प्रतिबंध लगाया गया था।