अमित पंघल समेत 4 भारतीय मुक्केबाजों ने विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल (52 किग्रा) सहित चार भारतीय मुक्केबाजों ने एआईबीए पुरुष विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है।
एकातेरिनबर्ग (रूस)| एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल (52 किग्रा) सहित चार भारतीय मुक्केबाजों ने यहां जारी एआईबीए पुरुष विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। अपने पहले विश्व पदक की तलाश में लगे दूसरी सीड पंघल ने मंगलवार को प्री-क्वार्टर फाइनल में तुर्की के बालुहान सीफसी को को 5-0 से करारी शिकस्त दी।
भारतीय खिलाड़ी मुकाबले में शुरूआत से ही अपने प्रतिद्वंद्वी पर भारी नजर आए और 30-27, 30-27, 30-27, 30-27, 30-27 से जीत दर्ज की। पंघल ने इस जीत के बाद कहा, "यह जीत मेरे और मेरे देशवासियों के लिए अच्छी बात है। उन सभी को धन्यवाद जो मेरा समर्थन कर रहे हैं। मैं जो रणनीति बनाई थी, उसी हिसाब से मैं खेला। आगे भी जैसा भी मुक्केबाज होगा, उसके खिलाफ उसी तरह की रणनीति बनाएंगे। और आखिरी में मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन की बधाई देना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, "मेरे सामने मेरा प्रतिद्वंद्वी काफी अनुभवी थी और उनके खिलाफ खेलने से मुझे अनुभव मिला है। मेरा अगला मुकाबला फिलिपिंस के मुक्केबाज के साथ है और मैं उनके खिलाफ पहले भी खेल चुका हूं।"
पंघल लगातार दूसरी बार विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे हैं। क्वार्टर फाइनल में पंघल का सामना फिलिपींस के कारलो पॉम से होगा। पंघल ने पिछले साल एशियाई खेलों में पॉम को पराजित किया था।
पंघल के बाद मनीष कौशिक (63 किग्रा) क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय रहे। मनीष ने बड़ा उलटफेटर करते हुए पिछले साल हुए एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता और चौथी सीड मंगोलिया के बातारसुख चिनजोरिंग को 5-0 से करारी शिकस्त दी।
चौथी सीड को हराने के बाद मनीष पदक से केवल एक कदम दूर हैं। भारतीय खिलाड़ी मुकाबले में शुरूआत से ही अपने प्रतिद्वंद्वी पर भारी नजर आए और 30-27, 30-27, 30-27, 30-27, 30-27 से जीत दर्ज की। क्वार्टर फाइनल में मनीष का सामना ब्राजील के वेंडरसन डी ओलिवीरा से होगा।
मनीष ने मैच के बाद कहा, "यह वास्तव में एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता के खिलाफ अच्छा मुकाबला था। मैंने अपने कोचों के साथ बैठकर उनके खिलाफ एक रणनीति तैयार की और मैं पूरी रणनीति के साथ खेला।"
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि मैं अपनी रणनीति को सही से लागू कर पाया। वास्तव में मैं अब अगले मुकाबले का इंतजार कर रहा हूं क्योंकि अगर मैं अगला मुकबला जीतता हूं तो मैं विश्व पदक विजेता बनूंगा। अब मैं अपने कोच और साथी मुक्केबाजों के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी के वीडियो देखूंगा और उसके अनुसार रणनीति बनाऊंगा।"
संजीत (91 किग्रा) भी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहे। संजीत ने प्री-क्वार्टर फाइनल में दूसरी सीड उज्बेकिस्तान के संजर तुरसुनोव को 4-1 से शिकस्त देकर अंतिम आठ में प्रवेश किया। पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में भाग ले रहे संजीत की तुरसुनोव के खिलाफ यह लगातार दूसरी जीत है। उन्होंने इससे पहले 2018 के इंडिया ओपन में भी तुरसुनोव को हराया था।
संजीत ने इस जीत के बाद कहा, "मेरा मुकाबला उज्बेकिस्तान से वल्र्ड नंबर दो के खिलाफ था। मैं उन्हें पहले भी हरा चुका हूं, इसलिए मैं मुकाबले को लेकर आश्वस्त था।" क्वार्टर फाइनल में संजीत का सामना सातवीं सीड और इस साल के पैन अमेरिकी खेलों के रजत पदक विजेता इक्वाडोर के जूलियो सेसर टोरेस कैस्टिलो से होगा।
उन्होंने कहा, "मेरा अगला मुकाबला इक्वाडोर के खिलाड़ी के खिलाफ है। इसके लिए हम कोचों के साथ मिलकर रणनीति बनाएंगे। वह एक अच्छे मुक्केबाज हैं और मैं उनके खिलाफ रिंग में उतरने को लेकर उत्साहित हूं।"
इन तीन मुक्केबाजों के अलावा एशियाई चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता कविंदर सिंह बिष्ट (57 किग्रा) भी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। पांचवीं सीड कविंदर ने फिनलैंड के अर्सलान खाटीव को 3-2 से हराकर लगातार दूसरी बार क्वार्टर फाइनल में कदम रखा। ये चारों भारतीय अब पदक पक्का करने से एक जीत दूर हैं।