लंदन। इंग्लिश फुटबाल क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड और इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले पूर्व कप्तान वायने रूनी ने जोर देकर कहा है कि एक कप्तान का काम न केवल मैदान पर टीम का नेतृत्व करना है, बल्कि मैदान के बाहर भी अपने खिलाड़ियों की मदद करना है। उन्होंने कप्तान होने की कठिनाइयों के बारे में भी बात की। रूनी ने कहा कि कप्तान होने के नाते खिलाड़ी आपकी ओर देखते हैं और आपसे उम्मीद करते हैं कि आप कठिन परिस्थितियों में उनकी आवाज को आगे बढ़ाएंगे और कभी-कभी यह खुद कप्तान के लिए भी समस्याएं पैदा करता है।
रूनी ने द टाइम्स से कहा, "जब खिलाड़ी खुश नहीं होते हैं तो वे आमतौर पर कप्तान के पास जाते हैं और आप वह व्यक्ति होते हैं, जिसके पास शिकायतें को पेश किया जाता है जोकि मुश्किल बातचीत हो सकती है।"
उन्होंने कहा, "एक क्लब में मुझे यह बताया गया कि मैनेजर अपने प्रशिक्षण सत्रों को पर्याप्त नहीं थे। यह एक आसान नहीं है। माफ कीजिए। यह बहुत कुछ हो सकता है। आप टीम के चैरिटी कार्य और व्यावसायिक गतिविधियों की बैठकों में खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप पीएफए से बात करते हैं। कोविड-19 दौरान, कप्तानों को किसी भी चीज की आवश्यकता होती है, जो उनके खिलाड़ियों के लिए होनी चाहिए।"
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रूनी अपने फुटबॉल करियर में बड़े क्ल्बों का नेतृत्व कर चुके हैं। इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करने और उनके लिए खेलते हुए उन्होंने 53 गोल किए हैं। इसके अलावा वह मैनचेस्टर यूनाइटेड, एवर्टन, डीसी यूनाइटेड और अब डर्बी कांउटी में हैं।
रूनी 2014 में इंग्लैंड टीम का कप्तान बने थे। उन्होंने कहा," अपने देश की कप्तानी करना सम्मान की बात है, लेकिन एक क्लब के लिए कप्तानी करना अलग और चुनौतीपूर्ण है। आप हमेशा अपने खिलाड़ियों के साथ नहीं होते हैं। आप पर जिम्मेदारी होती है कि टीम में आने वाले नए खिलाड़ियों का आप स्वागत करें और टीम के साथ घुलने-मिलने में उनकी मदद करें। मीडिया के सामने भी अपनी जिम्मेदारी निभाना पड़ता है।"